हरियाणा प्रदेश की लगभग एक हजार अवैध कालोनियों को शीघ्र नियमित किया जाएगा, मगर इसके साथ कई तरह की शर्तें लागू रहेंगी। इनमें नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगम की सीमा से बाहर स्थित ऐसी अवैध कालोनियां भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले वर्ष नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने जिला नगर योजनाकार कार्यालयों के माध्यम से सूचीबद्ध किया था।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा जोर पकड़ रही थी कि सरकार बिल्डर लाबी के दबाव में झुक गई है और जानबूझकर मुख्यमंत्री की कालोनियों को नियमित करने की विधानसभा के अंदर व बाहर की गई घोषणा में रोड़ा अटकाया जा रहा है, मगर ऐसा नहीं है।
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मनोहर की घोषणाएं ठंडे बस्ते में नहीं जाएगी। देरी की वजह नियमित करने से पूर्व निर्धारित किए जा रहे नियम हैं। कहा जा रहा है कि सरकार किसी भी समय हजारों कालोनियों को नियमित करने का तोहफा दे सकती है।
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अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती निर्मित मकानों का प्रतिशत तय करना है। प्रदेश में छोटी-छोटी ऐसी कई कालोनियां हैं, जिनमें पहले 50 फीसद तक घर बने हुए थे, मगर डीटीपी की जेसीबी की मार से मकानों की जगह मलबा पड़ा हुआ है। रास्तों की चौड़ाई व दूसरी बातों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सरकार नगर निकायों की सीमा के अंदर स्थित कालोनियों में सुविधाएं देने के लिए विधानसभा में पुराने विधेयकों पर संशोधन ला चुकी है।
निकाय सीमा में शुरू किया जा रहा सर्वे
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नगर निकायों की सीमा में आने वाली अवैध कालोनियों में सुविधाएं देने के लिए सरकार पहले ही कानून में आवश्यक संशोधन कर चुकी है। शहरी निकाय विभाग की ओर से भी निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि नगर परिषद और नगर निगम की सीमा के अंदर आने वाली कालोनियों का सर्वे किया जाए। रेवाड़ी में नगर परिषद की ओर से अवैध कालोनियों के सर्वे के लिए टेंडर छोड़ दिया गया है।
- नियमित होते ही फायदा ही फायदा
- डीटीपी के पीले पंजे का डर खत्म हो जाएगा।
- घर बेचने व खरीदने की अनुमति मिल जाएगी।
- सरकारी खजाने में भारी राजस्व आएगा।
- जरूरत के समय भूस्वामी अपने भूखंड का आधा या कानून के अनुसार निर्धारित हिस्सा बेच सकेगा।
- जिन घरों में बिजली कनेक्शन नहीं है, उन्हें बिजली कनेक्शन लेने में आसानी होगी।
- जो लोग इस समय दीनदयाल आवास योजना या अन्य योजनाओं में महंगे भूखंड नहीं खरीद सकते, उन्हें विकल्प मिल जाएगा।
चिह्नित हुई थी 1600 कालोनियों की सूची
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हरियाणा सरकार के निर्देश पर डीटीपी कार्यालयों के माध्यम से पिछले वर्ष लगभग 1600 अवैध कालोनियों की सूची सरकार तक पहुंची थी। इस सूची को हूबहू नहीं माना गया था। सूत्रों के अनुसार नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने इनमें से लगभग 1300 कालोनियों को नियमित करने के उद्देश्य से सूचीबद्ध किया था, मगर अंतिम रूप देने से पहले सरकार ने अपने स्तर पर आवेदनों की जांच भी करवाई थी। अब यह सरकार पर निर्भर करेगा कि कितने फीसद मकान कब तक बने होने की शर्त पर कब नियमित का आदेश जारी करती है।