जल्दी है हरियाणा के सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी दिखेंगी। इन बसों के आने से प्रदूषण भी कम होगा। फिलहाल यह बसें फरीदाबाद व गुरुग्राम सहित एनसीआर में शामिल हरियाणा के कुछ प्रमुख शहरों (800 new electric buses will run on Haryana NCR) में ही चलाई जाएंगी। यह इलेक्ट्रिक बसें हरियाणा सरकार केंद्र की सहायता (Haryana government will buy electric buses) से खरीदेगी। इन बसों के आने से प्रदूषण में भी काफी हद तक राहत मिलेगी और लोगों का सफर भी आसान और सुगम होगा।
हाल ही में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आयोजित विश्वस्तरीय 35वें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इवेंट (Electric Mobility Event held in Oslo, Norway) में हिस्सा लिया था। जहां उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व के विकसित देश पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अब इलेक्ट्रिक मोड पर ला रहे हैं।
परिवहन मंत्री ने नार्वे का उदाहरण देते हुए कहा की इस देश में ईंधन की भरमार है। लेकिन फिर भी यहां 90 फ़ीसदी तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इलेक्ट्रिक मोड पर (Public transport now on electric mode) लाया जा चुका है और इसकी वजह केवल यही है कि नार्वे की सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया है।
बता दें कि परिवहन मंत्री के साथ पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी इस इलेक्ट्रिक माेबिलिटी इवेंट में हिस्सा लिया था। जिसमें विधायक नरेंद्र गुप्ता, मोहन लाल बड़ौली और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क व आयुक्त वीरेंद्र दहिया शामिल थे। विश्वभर में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों ने इस इलेक्ट्रिक माेबिलिटी इवेंट में अपने उत्पादों के बारे में जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार फिलहाल प्रदेश सरकार को 800 इलेक्ट्रिक बसें खरीदनी है। इसके अलावा जो एक हजार नई बसें राज्य सरकार को खरीदनी (State government to buy one thousand new buses) है, उनमें 50 फ़ीसदी बस इलेक्ट्रिक खरीदने पर विचार किया जा रहा है। इस इवेंट में जाने के बाद यह पता चला कि किस कंपनी की बस ज्यादा बेहतर है।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसों और अन्य वाहनों की चार्जिंग के लिए सरकार की तरफ से स्टेशन भी विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री का दावा है कि 800 मिनट बस चलने से ना सिर्फ सार्वजनिक परिवहन सेवा शुभम होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी यह है बड़ा कदम साबित होगा। सरकार का प्रयास है कि 2025 तक एनसीआर के सार्वजनिक परिवहन सेवा इलेक्ट्रिक मोड पर आ जाएं।
परिवहन मंत्री का कहना है कि नार्वे एक ऐसा देश है जिसका क्षेत्रफल हरियाणा से ज्यादा है लेकिन जनसंख्या काफी कम है। वहां तेल भरपूर मात्रा में है, तेल की कोई कमी नहीं है। बावजूद इसके इस देश में 53 फीसद कार इलेक्ट्रिक मोड पर हैं। नार्वे की राजधानी ओस्लो में आयोजित विश्वस्तरीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इवेंट में हमें अपने देश की परिस्थितियों के अनुसार काफी कुछ बदलाव करने की टिप्स मिली हैं।