बिजली निगमों की ओर से हरियाणा में सीएसआर के तहत मिलने वाले फंड से पहले चरण में राज्यभर के सौ गांवों में विद्यार्थियों के लिए सौ लाइब्रेरी स्थापित करने का काम चल रहा है। निगमों ने खासतौर पर उन गांवों को फिलहाल लिया है, जहां पर बिजली बिलों का वक्त पर भुगतान हो रहा है, साथ ही बिजली चोरी की घटनाएं भी पूरी तरह से शून्य हैं। सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पासंबिलिटी) के तौर पर बिजली निगमों को मिलने वाले दो फीसदी फंड का इस्तेमाल गांवों में लाइब्रेरी स्थापित करने में किया जा रहा है। इस क्रम में करनाल के गोंदर, बियाना, काछवां में लाइब्रेरी स्थापित की गई हैं।
निगम की ओर से इन पर 22 लाख की राशि खर्च की जाती है। इस राशि को तीन हिस्सों में बांटकर अलग-अलग मदों में खर्च किया जाता है, जैसे पांच कंप्यूटर, किताबों फर्नीचर, सौलर पैनल आदि पर खर्च होती है।
भवन ग्राम पंचायत की ओर से दिया जाता है, लेकिन इसको मेनटेन करने और लाइब्रेरी तैयार करने का काम निगम की ओर से होता है। वैसे, इस काम में नेशल बुक ट्रस्ट, एनसीईआरटी की किताबें ही लगाई जाती हैं। इस लाइब्रेरी को वाई-फाई अर्थात आधुनिक तरीके से स्थापित किया जा रहा है।
करनाल के अलापा पानीपत में दो सिवाह गांव भोडवाल माजरी में स्थापित की गई हैं। इसी तरह से कुरुक्षेत्र के अछोना गांव में एक बहादुरगढ़, एक कलानौर दो पंचकूला के गांवों में स्थापित की जा रही हैं। फिलहाल 12 का निर्माण पूरा हो चुका है, कुल मिलाकर 25 तैयार की जा रही हैं। इसके बाद में इनकी संख्या सौ तक जाएगी।
13 के निर्माण की प्रक्रिया जारी हो रही है। सिरसा में मोटा पन्नी वाला में स्थापित की जा रही है। इनमें भारतीय भाषाओं की उत्तम पुस्तकें रखी जा रही हैं। ताकि युवा पीढ़ी इनसे अपडेट रहे, हर राज्य के श्रेष्ठ लेखकों की श्रेष्ठ पुस्तकों को स्थान दिया जा रहा है।
बिजली निगमों के मुनाफे में आने के बाद में इस तरह की मुहिम की शुरुआत की गई है। बच्चों को आधुनिक ज्ञान प्रदान करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओऱ से भी सहयोग किया जा रहा है, ताकि तकनीकी तौर पर किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। बहरहाल, गांवों में इस पहल पर जनप्रतिनिधि और विद्यार्थी दोनों ही खुश नजर आ रहे हैं।
विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगी
हरियाणा बिजली निगमों के चेयरमैन और अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों के लिए कुछ कदम उठाने की योजना पर हम काफी समय से काम कर रहे हैं।
इसी क्रम में राज्य के अंदर पहले चरण में गांवों के अंदर सौ लाइब्रेरी स्थापित की जा रही हैं। इसके लिए स्थान तो पंचायतों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है लेकिन इसमें ई-बुक्स और किताबों की व्यवस्था करने का जिम्मा निगमों का है।