अगर आप बसों में सफर करना पसंद करते है तो आपके काम की खबर हैं। पानीपत डिपो के जीएम कुलदीप जांगड़ा ने मुख्यालय को 14 नई बसों की डिमांड भेजी है। उम्मीद है कि अगले चार माह में यह नई बसें पानीपत डिपो को मिल जाएगी। अभी कुछ दिन पहले ही 40 इलेक्ट्रिक बसों की भी डिमांड भेजी जा चुकी है। इससे बसों में सफर करने वालों को काफी फायदा होगा। डिपो में पहले ही बसों की काफी कमी है।
फिलहाल रोडवेज डिपो में 129 बसें है। जो लगातार घटती जा रही है। इसमें से 110 बसें ही आनरूट चल रही है। 15 से 20 बसें तो वर्कशाप में मेंटेनेंस पर ही रहती है। जो ग्रामीण क्षेत्र में चलती है।
लंबे रूट पर भी बसों की संख्या काफी कम है। जैसे हरिद्वार, दिल्ली, लखनऊ, पंजाब, अंबाला, पंचकूला आदि रूट पर सवारियों के हिसाब से बसें काफी कम है। सवारियां अधिक होने के कारण बसों में बैठने तक ही जगह नहीं होती। जिसके कारण कई बार लंबे रूट पर लोगों को बसों में खड़े होकर ही सफर करना पड़ता है।
पांच साल से नहीं मिली नई बस
रोडवेज डिपो पानीपत में पांच साल से कोई नई बस बेडे़ शामिल नहीं हुई है। जिससे पुरानी बसों को ही लंबे रूट पर चलाया जा रहा है। कई बार लंबे रूट की बसें बीच रास्ते में ही खराब हो जाती है। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियाें का सामना करना पड़ता है। इससे कई बार तो कर्मचारियों व सवारियों में कहासुनी तक हो जाती है।
अभी चल रही है इतनी बसें
डिपो से उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, लखनऊ, बरेली, उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, रुद्रप्रयाग, दिल्ली, हरियाणा के चंडीगढ़, अंबाला, कुरुक्षेत्र, रोहतक, जींद आदि रूटों पर प्रतिदिन करीब 112 बसों का संचालन किया जा रहा है। इसमें से अधिकतर बसें हरिद्वार, शामली, दिल्ली और चंडीगढ़ रूट दौड़ती रहती हैं।
75 बसों की है जरूरत
डिपो में हर रोज 30 हजार से ज्यादा सवारियां बसों में सफर करती है। इस हिसाब से डिपो को 75 नई बसों की जरूरत है। अगर 14 नई बसें जल्द मिल जाती है तो कुछ हद तक राहत मिलेगी।
रोडवेज जीएम कुलदीप जांगड़ा ने बताया कि 14 नई बसों की डिमांड मुख्यालय भेजी गई है। उम्मीद है कि जल्दी ही शहर को नई बसें मिल जाएगी।