हरियाणा में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर सरकार ने बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब से हरियाणा में कुछ ही शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। आपको बता दें कि फरीदाबाद-गुरुग्राम सहित हरियाणा में अब केवल 5 लाख की आबादी वाले शहरों में ही इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी परिवहन विभाग की इस इलेक्ट्रिक बस योजना पर मुहर लगा दी है। अब मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता वाली कमेटी ऑन इंफ्रास्ट्रक्चर योजना पर अंतिम मुहर लगाएगी।
इसके बाद विभाग CECL को बसों की डिमांड भेजेगा। पिछले एक साल से हरियाणा में इलेक्ट्रिक बसों के लिए वेटिंग चल रही है।
मुख्य सचिव की मंजूरी के बाद विभाग कंपनी को बसों का आर्डर देगा। सरकार की कुल 800 बसें खरीदने की योजना है। यह बसें एक साथ नहीं बल्कि चरणबद्घ तरीके से 100-100, 200-200 बसों की आपूर्ति होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार 2023 में हरियाणा के पांच लाख से अधिक आबादी वाले दस बड़े शहरों में हर हाल में यह बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। 800 में से 600 बसें बिना एसी व 200 बसें एसी की होंगी। एक बार बैटरी चार्ज होने पर बस 200 किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय करेगी। सामान्य बसों के मुकाबले एसी बसों में यात्रियों को डेढ़ गुना किराया देना होगा।
बढ़ाया जाएगा दायरा
बात करें बसों की लंबाई की तो यह 12 मीटर और 50 से ज्यादा सीटें होंगी। डिपो में ही इनके चार्जिंग की व्यवस्था की जाएगी। इन 10 शहरों में बसों का संचालन सफल होने ओर पर्याप्त सवारियां मिलने पर इनका दायरा बढ़ाया जा सकता है। साथ ही बसें उपलब्ध कराने वाली कंपनी की तरफ से अनेक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
फिलहाल इन शहरों में दौड़ेंगी बसें
बता दें कि फिलहाल फरीदाबाद, अंबाला, हिसार और करनाल में 100-100; पानीपत, यमुनानगर, रोहतक और सोनीपत में 80-80; गुरुग्राम व पंचकूला में 50-50 बसें प्रस्तावित हैं। आगे चलकर इनकी संख्या में फेरबदल भी हो सकता है।
अंतिम स्वीकृति का इंतजार
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह योजना बेहद ही अहम है। जल्दी मुख्य सचिव से भी इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। हाल ही में 11 से 15 जून तक नार्वे में आयोजित विश्व स्तरीय सेमिनार ई-मोबिलिटी में हरियाणा ने भी हिस्सा लिया, इसमें इलेक्ट्रिक बसें व बैटरी निर्माण, अत्याधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बारे में जाना।
इलेक्ट्रिक हवाई जहाज का सपना भी होगा साकार
साथ ही नार्वे में यह भी देखा कि कैसे इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। वहीं मूलभूत ढांचागत सुविधाओं का भी अवलोकन किया गया। इससे प्रदेश में इलेक्ट्रिक बस योजना को लागू करने में भी मदद मिलेगी। सम्मेलन में यह भी बताया गया कि एक-दो साल में इलेक्ट्रिक हवाई जहाज का सपना भी साकार हो सकता है।