जल्दी ही हरियाणा के लोगों को गर्मी से छुटकारा मिलने वाला है। हर कोई मानसून के आगमन का इंतजार कर रहा है ताकि धरती की तपिश शांत हो सके। बता दें कि शायद इस बार प्रदेश में मानसून उत्तरी हरियाणा से एंट्री (Monsoon will enter from North Haryana) करेगा। बंगाल की खाड़ी से चलने वाली मानसूनी हवाएं (monsoon winds will enter Haryana) उत्तर प्रदेश से होते हुए हरियाणा में प्रवेश करेंगी। जिससे प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश (drizzle rain in Haryana) देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि 3 से 4 जुलाई तक पूरे हरियाणा में मॉनसून आ जाएगा।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष मदन लाल खिचड़ ने बताया कि एक-दो दिन तक प्रदेश में पश्चिमी शुष्क हवाएं चलेंगी जिससे तापमान में बढ़ोतरी (Temprature will increase due to western dry winds) देखने को मिलेगी।

29 जून से मौसम बदलेगा और यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, पलवल के अलावा पंचकूला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, अंबाला और मेवात के क्षेत्रों में बारिश देखने को मिल सकती है।।

सामान्य तौर पर मानसूनी हवाएं अरब सागर (Arabian Sea) की तरफ से भी प्रदेश में एंट्री करती हैं। लेकिन इस बार आने वाली हवाएं बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) से पहले एंट्री करेंगी।
फसलों के लिए बनेगी संजीवनी

बारिश का इंतजार किसानों को भी है क्योंकि हरियाणा में होने जा रही बारिश फसलों के लिए संजीवनी (Rain will act as a lifeline for crops) का काम करेगी। फिलहाल लोग गर्मी और उमस से बेहाल हैं। सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि फसलों को भी पानी की जरूरत है। तपती गर्मी की वजह से फसलें जलने भी लगी थी।
सही से होगी पैदावार

ऐसे में होने वाली बारिश से फसलों की पैदावार सही से हो सकेगी। फसलों की बढ़ोतरी के लिए बारिश बहुत ही जरूरी है। बारिश ना होने की वजह से कपास की फसलों में कीड़े हो जाते हैं, जिसकी वजह से फूल पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं। वहीं मूंग ग्वार और बाजरे की बुवाई भी बारिश के बाद ही हो पाएगी।
44.3 डिग्री सेल्सियस के साथ महेंद्रगढ़ रहा नं. 1

मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि बीते रविवार हरियाणा का महेंद्रगढ़ जिला सबसे ज्यादा गर्म रहा यहां अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया वही हिसार में 42.7 डिग्री नारनौल में 43 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।