हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में जल्द ही ‘हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति 2022-25’ (Haryana Self-reliant Textile Policy 2022-25) लागू करेगी। इससे जहां प्रदेश में Textile Industry को पंख लगने में सहायता मिलेगी। वहीं MSME को भी बढ़ावा मिलेगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश सरकार टैक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए ही ‘हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति 2022-25’ लेकर आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश के अधिक से अधिक युवा MSME से जुड़ेें ताकि वे स्वयं भी रोजगारयुक्त हों और अन्य युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवाने में सक्षम हो सकें।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य में उद्योग लगाने के लिए निवेशक आगे आ रहे हैं, क्योंकि सरकार ने औद्योगिक-माहौल में सुधार के लिए कई प्रमुख कदम उठाए हैं जिनकी बदौलत हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा को एमएसएमई के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया था।
इस क्षेत्र में जहां प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ है, वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी ‘स्टेट इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ के पांचवें संस्करण में हरियाणा को टॉप अचीवर्स कैटेगरी में स्थान मिला है जो कि किसी भी राज्य के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की उद्योगों को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण ही हरियाणा की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स और एक्सपोर्ट रेडीनेस में उत्कृष्ट रैंकिंग आई है। इसके अतिरिक्त, निर्यात तैयारी सूचकांक (भूमि बंद श्रेणी)-2021 में राज्य को पहला तथा ‘लॉजिस्टिक्स इज एक्रोस डिफरेंट स्टेटस सर्वे’-2021 में दूसरा स्थान मिला है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जहां अपने प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा कर रही है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा उद्यमिता विकास और रोजगार सृजन के लिए आरंभ की गई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों (पीएमएफएमई) के औपचारिककरण आदि विभिन्न पहलों का भी हरियाणा ने व्यापक रूप से लाभ उठाया है। इन योजनाओं एवं कार्यक्रमों की गतिविधियों को प्रदेश में जमीनी स्तर पर तेज किया है।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार की हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति 2020, एमएसएमई नीति 2019, हरियाणा कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति 2018 आदि कई ऐसी नीतियां हैं जिनसे हमारे एमएसएमई को बहुत लाभ हुआ है और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं।