हरियाणा में गरीबों को भूखा न सोना पड़े इसके लिए सरकार ने बहुत ही शानदार और बेहतरीन योजना शुरू की है। प्रदेश में अलग अलग विभागों द्वारा शहरों और गांवों में कैंटीन खोली जा रही है। यह कम्युनिटी किचन गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि आज के समय में तो 10 रुपए में पानी की एक बोतल तक नहीं मिलती। वहीं इस कैंटीन की मदद से गरीब 10 रुपए में भर पेट भोजन कर सकते हैं। फिलहाल प्रदेश में ऐसी 100 कैंटीन चलाई जा रही है। धीरे धीरे इस कैंटीन का विस्तार किया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों द्वारा यह संचालित किया जा रहा है।
बता दें कि बीते दिनों हुई हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक में करीब 220 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी मिली है। किसानों व मजदूरों को किफायती भोजन उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 25 स्थानों पर अटल किसान-मजदूर कैंटीन चलाई जा रही हैं।

तीन राजकीय कालेजों, पांच लघु सचिवालयों, पांच चीनी मिलों, नौ सरकारी कार्यालयों और 26 बीडीपीओ कार्यालयों तथा श्रम विभाग द्वारा नौ स्थानों पर इस प्रकार की कैंटीन चलाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नौ कैंटीन चलाई जा रही हैं, जहां मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए भोजन दिया जा रहा है।

इस साल सरकार ने 15 हजार स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों का नामांकन करवाने, एग्री-न्यूटरी गार्डन तैयार करने और स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के तहत 5000 एंटरप्राइज की स्थापना करने का लक्ष्य है।

बता दें कि स्वयं सहायता समूहों के 1889 सदस्यों को भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान के माध्यम से प्रशिक्षण दिलवाया गया है। विभिन्न बैंकों द्वारा इन्हें नियुक्त किया जा रहा है। 9663 स्वयं सहायता समूहों को एक अलग एंटरप्राइज के तौर पर विकसित किया गया है, जो विभिन्न कार्यों के माध्यम से आठ से 12 हजार प्रति माह आजीविका कमा रहे हैं।

बैठक में बताया गया कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को 5.41 करोड़ रुपये के ब्याज फ्री ऋण के माध्यम से 149 व्यावसायिक वाहन प्रदान किए गए हैं। उद्योग की मांग के अनुरूप 768 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर 545 को रोजगार मुहैया करवाया गया है। इसके अलावा 1931 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।