भारत में ट्रेन की शुरुआत 1853 में हुई थी, लेकिन ये बात कम ही लोगों को पता होगी कि देश में पहली एयर कंडीशनर ट्रेन कब शुरू हुई थी। भारत में पहली एसी ट्रेन 1934 में शुरू की गई थी। फ्रंटियर मेल नाम की ये ट्रेन उस वक्त बॉम्बे से पेशावर तक चलती थी। यह ट्रेन आज भी पटरियों पर दौड़ रही है और लोगों को उनकी मंजिलों तक पहुंचा रही है।
हालांकि अब इसका नाम बदल गया है लेकिन पुरानी शान कायम है। देश की एसी बाेगी वाली यह थी ट्रेन फ्रंटियर मेल। इस ट्रेन ने अपना सफर 1 सितंबर 1928 को शुरू किया था और इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी यात्राएं की थीं।

आपको बता दे कि फ्रंटियर मेल की एसी बोगी सबसे खास थी। इस बोगी में यात्रियों को गर्मी से बचाने के लिए बर्फ की सिल्लियों का प्रयोग किया जाता था। इसके बाद कई स्टेशनों पर पिघले हुए बर्फ का पानी निकालकर नई सिल्लियां लगाई जाती थीं।

इस ट्रेन में लगा पंखा कोच के सभी कूपों में ठंडक पहुंचाता था। इस ट्रेन में साल 1934 में एसी लगाए जाने का काम शुरू हुआ और यह भारत की पहली एसी बोगी वाली ट्रेन बनी।

पहले के समय में इस ट्रेन का इस्तेमाल सिर्फ अंग्रेज अफसरों के अलावा स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े नेता यात्रा करते थे। 1 सितंबर 2020 को इस ट्रेन के 92 साल पूरे हो गए। फ्रंटियर मेल 2335 किलोमीटर लंबी यात्रा को 72 घंटों में पूरा करती थी।

इस ट्रेन क एक खासियत ये भी रही कि यह कभी देरी से नहीं चलती थी। साल 1996 में फ्रंटियर मेल का नाम बदलकर गोल्डन टेंपल मेल (स्वर्ण मंदिर मेल) कर दिया गया।

आजादी से पहले चल रही ये ट्रेन मुंबई, बड़ौदा, मथुरा, दिल्ली, अमृतसर, लाहौर, से होते हुए पेशावर तक का सफर तय करती थी। अंग्रेज अधिकारियों की सुविधा के लिए इस ट्रेन को समुद्र के किनारे बने बल्लार्ड पियर मोल रेलवे स्टेशन से चलाया जाता था। लंदन से भारत आने वाले अंग्रेज अधिकारियों के जहाज के साथ ही इस ट्रेन का टिकट भी जुड़ा होता था।