भारत अपने रीति-रिवाज, परंपरा, इतिहास आदि के लिए जाना जाता है। आज भी भारत में ऐसी कई जगह हैं जिनका अपना इतिहास और अपना महत्व है। भारत के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे मंदिर का भी अद्भुत इतिहास है। ऐसे ही एक शिव मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जो काफी महत्व रखता है। इस मंदिर में एक शिवलिंग स्थापित है और यह कोई साधारण शिवलिंग नहीं है बल्की इसे महाभारत काल का बताया जाता है। आज भी इस शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं।
हरियाणा के हिसार में यह शिवलिंग स्थापित है। हालांकि अभी मंदिर का विकास कार्य चल रहा है। पुरातत्व विभाग के पास भी इस मंदिर का कई वर्षों पुराना रिकॉर्ड है।

हिसार में आदमपुर से 10 किमी दूर गाँव में सिसवाल और मोहब्बतपुर के बीच ये एतिहासिक मंदिर बना हुआ है। इस शिवलिंग का काफी महत्व भी है। जानकारी के अनुसार पुरातत्व विभाग के पास इस मंदिर का 750 वर्षों पुराना रिकॉर्ड भी है। हालांकि इससे पहले का रिकॉर्ड आजादी की लड़ाई में जल गया था। कहा जाता है कि ये शिवलिंग महाभारत काल का है जिसे पांडवों ने ही स्थापित किया था।
पांडवों ने किया था स्थापित

कहा जा रहा है कि 5 हज़ार 150 साल पहले महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास किया था और इस दौरान वे सिसवालीय वनों में भी रहे थे। वहीं माता कुंती भी शिव भक्त थी और माता के आदेश पर ही पांडवों ने इस जगह पर इस शिवलिंग की स्थापना की थी। कहा जाता है कि ये शिवलिंग आज भी वही है जिसे पांडवो द्वारा स्थापित किया गया था। इसी को शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
करोड़ों की लागत से होगा मंदिर का कायाकल्प

बताया जा रहा है कि अब इस मंदिर को भी देश में प्रसिद्धि दिलाने का काम चल रहा है। मंदिर के जीर्णोंद्धार का काम किया जा रहा है इसमे करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं। फिलहाल बहुत कम लोगों को इस मंदिर के बारे में जानकारी है। लेकिन इसके बावजूद सैंकड़ों लोग यहाँ शिवलिंग के दर्शन के लिए आते हैं।