एक पैर से दिव्यांग व उम्रदराज होने के बाद भी शिव भक्ति की आस्था शुक्रवार को महेंद्रगढ़ में देखने को मिली। निवाज नगर नारनौल निवासी एक करीब 55 वर्षीय व्यक्ति हरिद्वार से कांवड़ लेकर महेंद्रगढ़ पहुंचा जिसे देखकर लोग उनकी आस्था को प्रणाम करते नजर आए।
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बता दें कि श्रावण मास में शिव भक्तों द्वारा हरिद्वार व गोमुख से कांवड़ व पवित्र जल लाकर शिवरात्रि के दिन शिवालयों में जलाभिषेक करने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। पहले डाक कांवड़ लाने का चलन नहीं था।
लोग टोलियों में पैदल चलकर ही 10 से 12 दिनों में कांवड़ लेकर यहां पहुंचते थे। परंतु अब समय के अभाव के चलते पैदल टोलियों में कम, गाड़ियों में दर्जनों लोग एक के बाद दूसरा, तीसरा, चौथा भागते हुए कांवड़ लाने का चलन बढ़ा है।
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पैदल चलकर टोलियों में कांवड़ लाने वाले लोग अब पहुंचने लगे हैं। कांवड़ियों की सेवा के लिए शिव भक्तों द्वारा जगह-जगह सेवा शिविर भी लगाए हुए हैं।
इस बार भी हजारों की संख्या में जिले से शिवभक्त कांवड़ लेने के लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गांव निवाजनगर निवासी एक पैर से दिव्यांग शिवभक्त ललित भी पहली बार कांवड़ लाने के लिए हरिद्वार गए।
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जिन्होंने 16 जुलाई को कांवड़ उठाई तथा 22 जुलाई को महेंद्रगढ़ होते हुए अपने गांव की ओर कदम बढ़ाते नजर आए। जिन्होंने भी उन्हें देखा उनकी आस्था को प्रणाम करते हुए प्रभु से उनकी मनोकामना पूर्ण करने की कामना की।