पानीपत में अजब गजब मामला सामने आया है। एक परिवार को जब इंसाफ नहीं मिला तो थाना बेचने लगा। परिवार थाने में ही थाना बिकाऊ है का बोर्ड लगाकर बैठ गया। कुछ ही देर में पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
कारद गांव की एक महिला द्वारा शुक्रवार को अपने ही गांव के एक परिवार पर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी दिए जाने की शिकायत पर पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाया है।
पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से खफा महिला परिवार सहित शनिवार को पुलिस थाना के सामने बैठ गई। परिवार के धरने पर बैठे जाने की सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया।
परिवार वाले अपने हाथों में थाना इसराना बिकाऊ की तख्तियां लिए हुए थे। साथ ही पैसे और तेल की बोतल लेकर जान देने और पुलिस को खरीदने का दावा कर रहे थे।
23 जुलाई को उसके परिवार के तीन से चार लोगों ने उसके साथ मारपीट और फोन तोड़कर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी।
इस पर कार्रवाई ना होने से खफा होकर मदन मोहन वासी कारद अपनी पत्नी और माता व बच्चों को साथ लेकर थाने के सामने आकर शनिवार को बैठ गए।
करीब दो घंटे बाद एसपी आफिस से सूचना मिलने के बाद इसराना थाना प्रभारी दीपक कुमार ने धरने पर बैठे परिवार के पास पहुंच परिवार को मामले में उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिला देने से उठाया।
पुलिस को दी शिकायत में नीलम पत्नी मदन मोहन वासी कारद ने बताया कि उनका गांव के ही एक परिवार के साथ जमीन के एक टुकड़े को ले कर विवाद हुआ था।
जिसमे दूसरे पक्ष ने उनके परिवार के साथ मारपीट की व जान से मारने की धमकी दी है। शुक्रवार को उन्होंने दूसरे पक्ष के खिलाफ कार्रवाई व परिवार की सुरक्षा की मांग को ले कर पुलिस को शिकायत दी थी।
आरोप है कि पुलिस ने उक्त मामले में कोई कार्यवाही नही की। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से खफा पीड़ित नीलम, उसका पति मदन मोहन, सास प्रकाशो, बेटा जतीन, बेटी काजल व ननद मंजू शनिवार को पुलिस थाना के सामने धरने पर बैठ गई।
जिसे थाना प्रभारी ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया धरने से उठाया।
देर रात मदन मोहन ने ठेके पर जिस व्यक्ति राजेश पुत्र रघुबीर निवासी भाऊपुर को जमीन दे रखी थी उसी की शिकायत पर राममेहर पुत्रा लच्छा राम, सुरजीत पुत्र राममेहर, ओमप्रकाश पुत्र लच्छा राम सुरेंद्र व ओमप्रकाश के खिलाफ मदन मोहन को जान से मारने की धमकी और मारपीट करने के मामले में अभियोग दर्ज किया।