हरियाणा में जल्द ही नदियां और नहरें स्वच्छ होंगी। इसके लिए राज्य सरकार ने एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके लिए नदियों व नहरों के किनारे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए जाएंगे।
राज्य में यमुना नदी के कैचमेंट में 277 स्थानों और घग्गर नदी पर 45 गांवों में एसटीपी लगाए जाएंगे। दरअसल नदियों में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय हरित ब्यूरो (एनजीटी) की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार ने अफसरों के पेंच कसे हैं।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बुधवार को रिवर एक्शन प्लान की समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को सीवर लाइन बिछाने और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटो का संचालन यथाशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
साथ ही नहरों और नदियों में दूषित पानी छोड़ने पर पूरी तरह रोक लगाने और सख्त निगरानी की हिदायत दी। बैठक में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस नारायणन ने बताया कि यमुना कैचमेंट के 277 गांवों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे।
इसी प्रकार घग्घर कैचमेंट में एसटीपी के लिए 45 गांवों को चिह्नित किया गया है। जल्द ही इनमें एसटीपी का कार्य शुरू हो जाएगा। यमुना कैचमेंट में 120 मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) क्षमता के छह और कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगाने का प्रस्ताव है।
इनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जा रही है। वर्तमान में यमुना कैचमेंट में 19 एमएलडी क्षमता के तीन (सीईटीपी) लगाए जा रहे हैं।
दिसंबर तक दो सीईटीपी संचालित हो जाएंगे। इसी तरह घग्घर कैचमेंट में तीन एमएलडी के दो सीईटीपी लगाए जा रहे हैं जिनका कार्य जल्द पूरा हो जाएगा।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि नदियों में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने और नदियों के जीर्णोद्धार के लिए सीवर लाइन बिछाने और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के निर्माण में तेजी लाई जाए।
जल प्रदूषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों का नैतिक दायित्व बनता है कि वह नहर-नदियों को दूषित होने से बचाएं। घग्घर और यमुना नदी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 441 एमएलडी क्षमता के 25 एसटीपी बनाए जा रहे हैं।
मुख्यसचिव ने कहा कि नमामि गंगे प्रोग्राम के तहत एसटीपी और सीईटीपी लगाने के संबंध में दो सप्ताह में कार्य योजना प्रस्तुत करें। संबंधित अफसर मानेसर, नाहरपुर कासनी में बन रहे एसटीपी की सीवरेज क्षमता बढ़ाने के कार्य की नियमित निगरानी करें और हर सप्ताह मुख्यालय को रिपोर्ट भेजें। जनता के पैसे का दुरुपयोग रोकने के लिए यदि कोई ठेकेदार काम में लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।