ट्रेन में हम में से ज्यादातर लोग आए दिन सफर करते है। सफर के दौरान आपने ट्रेन में या ट्रेन के बाहर बहुत से साइन (निशान) देखें होंगे। ट्रेन में ऐसा ही एक साइन है कि ट्रेन के आखिर डिब्बे के पीछे ‘एक्स’ का निशान क्यों बना रहता है। हम इस निशान को अक्सर देखते हैं, हालांकि ज्यादातर लोगों को इसका मतलब नहीं पता होगा। आपको बता दें कि भारत में चलने वाली हर पैसेंजर ट्रेन के पीछे सफेद या फिर पीले रंग से यह निशान बना रहता है।
भारतीय रेल के नियमों के मुताबिक ये निशान सभी सवारी गाड़ियों के अंत में होना अनिवार्य है। इसके साथ ही आपने कई ट्रेनों पर LV भी लिखा देखा होगा। इसके अलावा ट्रेन के पीछे एक लाल रंग की ब्लिंक करने वाली बत्ती भी होती है।

अब सबसे पहले हम आपको ‘X’ के पीछे का राज़ बताते हैं, जिसके साथ एक बोर्ड और भी लगा होता है जिसपर LV लिखा होता है। LV का फुल फॉर्म ‘Last Vehicle’ है जिसका मतलब है आखिरी डिब्बा।
‘X’ के निशान के साथ-साथ LV रेल कर्मचारियों को इस बारे में सूचना देता है कि वह रेल का आखिरी डिब्बा है। यदि किसी मामले में ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर इन दोनों में से कोई भी संकेत नहीं है तो इससे साफ पता चलता है कि ये एक आपातकालीन स्थिति है।

ऐसे मामले में ट्रेन के आखिरी कुछ डिब्बे बाकी ट्रेन से अलग हो जाती है। यह रेलवे का एक कोड है, जो सिक्योरिटी और सेफ्टी के पर्पस से ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर बनाया जाता है। इसके एक नहीं कई मीनिंग हैं।

किसी ट्रेन पर यह निशान नहीं है तो इसका मतलब होता है कि ट्रेन में कुछ प्रॉब्लम है या ट्रेन का कोई डिब्बा छूट गया है। यह रेलवे स्टाफ के लिए एक तरह से अलर्ट का काम करता है।

वहीं दूसरी ओर इसके साथ की ट्रेन के पीछे चलने वाली लाल लाइट रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे मजदूरों के लिए होती है यह लाइट उनको यह बताती है कि ट्रेन उस जगह से निकल चुकी है जहां वह लोग काम कर रहे होते हैं। इसके साथ ही यह लाइट खराब मौसम में कर्मचारियों का ध्यान अपनी ओर भी आकर्षित करती हैं।