गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। देश की नवरत्न कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (National Building Construction Corporation) की ग्रीन व्यू सोसायटी (Gurugram Green View Society) के कंडम घोषित टावरों को तोड़ने के लिए शुक्रवार को कंट्री एंड टाउन प्लानिंग के निदेशक को एनबीसीसी के अधिकारी प्रस्ताव देंगे। इसके साथ ही निवेशकों को उनके रिफंड का भी प्रस्ताव सौंपेंगे। अगर गिराने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो इस इमारत का भी अंजाम नोएडा के ट्विन टावर जैसा हो सकता है।

एनबीसीसी ने तैयार किया है प्रोजेक्ट
इमारत को ध्वस्त करने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की चर्चा रही। हालांकि, निवेशकों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। सेक्टर-37 में ग्रीन व्यू प्रोजेक्ट एनबीसीसी ने तैयार किया था। 2017 में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर निवेशकों को पजेशन दिया जाने लगा।

निवासी रिफंड की मांग पर अड़े
लोगों की शिकायत पर एनबीसीसी ने इस प्रोजेक्ट का आइआइटी दिल्ली और सेंट्रल ब्यूरो रिसर्च इंस्टिट्यूट से स्ट्रक्चरल आडिट कराया। इसमें आइआइटी की टीम ने इमारत को लोगों के रहने लायक नहीं बताया। एनबीसीसी के अधिकारियों ने निवासियों को नोटिस देकर इमारत खाली करने को कहा। निवासी इमारत खाली करने से पहले ब्याज के साथ रिफंड की मांग पर अड़े रहे।
स्वस्तीकरण के खिलाफ हैं निवेशक
16 फरवरी को जिला आपदा प्रबंधन के चेयरमैन और उपायुक्त की अध्यक्षता में एनबीसीसी के अधिकारियों व निवेशकों की बैठक हुई, जिसमें एक मार्च को सभी निवासियों को फ्लैट खाली करने के निर्देश दिए गए। निवासियों ने फ्लैट खाली कर दिए। उसके बाद एनबीसीसी अधिकारी पूरे प्रोजेक्ट को ध्वस्त करने की योजना बना रहे थे। निवेशकों ने इस बात का भी विरोध किया।
शुक्रवार को होगी सुनवाई
निवेशकों का कहना है कि एनबीसीसी कोई भी कार्रवाई करने से पहले उनका ब्याज समेत रिफंड दे। इमारत को ध्वस्त करने के लिए एनबीसीसी के अधिकारियों ने कंट्री एंड टाउन प्लानिंग के निदेशक से इसके लिए इजाजत मांगी। सात जुलाई को एनबीसीसी के प्रतिनिधि के रूप में मुदित मुदगिल निदेशक कंट्री एंड टाउन प्लानिंग के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर हुए। निदेशक ने इस मामले पर सुनवाई के लिए नौ सितंबर तय की।
निदेशक ने एनबीसीसी के अधिकारियों को नाै सितंबर को इमारत ध्वस्त करने का पूरा प्लान देने के साथ ही यह भी कहा कि यह प्रोजेक्ट कब तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए भी टाइम लाइन तय की जाए।
एनबीसीसी के अधिकारियों को निवेशकों के ब्याज सहित रिफंड देने और निवेशकों को वैकल्पिक व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है। ग्रीन व्यू फ्लैट आवंटी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी ठाकुर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका संबंधी उनके पास कोई सूचना नहीं है। हम तो सिर्फ अपना ब्याज सहित रिफंड चाहते हैं।