महामारी की दूसरी लहर में संक्रमितों में ऑक्सीजन की कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव रोगियों को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं। दरअसल यह एक बेहद पुरानी तकनीक है जिसे प्रोनिंग पोजीशन कहते हैं।
इसके फायदे को देखते हुए भारत सरकार हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी अपने वेबसाइट और ट्वीटर पेज पर लोगों के साथ इससे संबंधित जानकारियां शेयर की है। बता दें कि देश के तमाम बड़े अस्पतालों में इन दिनों ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।

ऐसे में ये तकनीक लोगों को काफी फायदा पहुंचा रही है। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रोनिंग पोजीशन महामारी के उन मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो रहा है जो होम आइसोलेशन में हैं।

इसकी मदद से संक्रमित मरीजों के ब्लड में हो रहे ऑक्सीजन की गिरावट को तुरंत ठीक किया जा सकता है। सरल भाषा में पेट के बल लेटना ही प्रोनिंग है। ऐसा करने से फेफड़ों पर पॉजिटिव प्रेशर बनता है और शरीर में ऑक्सीजन की कमी दूर होती है।
ये चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित तरीका है। पिछले कुछ समय से कई डॉक्टरों ने वॉट्सऐप पर वीडियो जारी कर इसे अपनाने की सलाह दी थी। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस तरीके को अपनाने की एडवाइजरी जारी की है।

डॉक्टर के मुताबिक, जब भी आप अपने ऑक्सीजन लेवल की जांच करते हैं तो इसके बाद आपको 6 मिनट की वॉक भी करनी चाहिए, ताकि बाद में फिर से SpO2 की जांच की जा सके। टहलने के पहले यदि आपका ऑक्सीजन लेवल 96 था और वॉक करने के बाद ये 90% तक चला गया तो इसका मतलब है आपके फेफड़ सही से काम नहीं कर रहे और अगर ऐसा होता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।