भारत में मवेशियों में गाय के गोबर को सबसे उपयोगी माना जाता है। यहां हाथी के गोबर से भी कागज और तख्तियां भी बनती हैं। इंडोनेशिया में हाथी के गोबर से बनने वाली कॉफी 60 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है। जापान में हाथी के गोबर से बीयर बनाई गई। जिसे चखने वालों ने इसकी काफी तारीफ की। गाय के गोबर से बिजनेस शुरू करके आप लाखों कमा सकते है।
गोबर से कागज बनाने को लेकर सरकार ने इसका एक सक्सेफुल बिजनेस मॉडल भी बनाया है। खादी ग्रामोद्योग की यूनिट केएनएचपीआई ने गाय के गोबर से कागज का उत्पादन शुरू कर दिया है।

अब देशभर में इस तरह के प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है। गोबर से कागज बनाने का प्लांट बनाने में 15 लाख रुपये का खर्च आता है। इसी को लेकर दो लोगों को आइडिया आया और हाथी के गोबर से बिज़नेस करने के बारे में सोचा, और वो आगे चल कामयाब हो गए।
दरअसल 2003 में विजेंद्र शेखावत और महिमा मेहरा राजेस्थान घूमने के लिए गए हुए थे। तभी वहां उन्होंने हाथी के गोबर कप देखा और मन में आइडिया आया। फिर उन दोनों ने अपने आईडिया पर काम करना शुरू किया।

जिसके लिए सबसे पहले उन्होंने इंटरनेट पर रिसर्च किया कि हाथी के लीद से पेपर कैसे बनाया जाता है? इंटरनेट द्वारा उन्हें जो भी इंफॉर्मेशन चाहिए थी वह सब प्राप्त हो गई। उन्हें यह भी पता चला कि श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया में भी हाथी के गोबर से पेपर बनाया जाता है।

फिर सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद उन्होंने भी फ़ैसला किया कि वे भी यह व्यवसाय शुरू करेंगे। वे अपने इस व्यवसाय में हाथी के गोबर से फोटो एल्बम, बैग्स, नोटबुक गिफ्ट टैग, फ्रेम्स, टी कोस्टर तथा स्टेशनरी का सामान इत्यादि बनाते हैं।

यह सभी सामान भारत में 10 रुपये से लेकर 500 रुपये तक बिकता है। आपको बता दें कि पेपर बनाने के लिए सर्वप्रथम हाथी की लीद को साफ़ करने हेतु उसे एक बड़े वाटर टैंक में रखते हैं, फिर जब वह ठीक प्रकार से साफ़ हो जाती है, तो उससे पेपर बनाने का काम शुरू किया जाता है।