देश में जैसे जैसे लोग शिक्षित होते जा रहे हैं, वैसे ही लोगों में धीरे धीरे बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करने के लिए जागरूकता बढ़ती जा रही है। रोज कम कुछ ना कुछ अपने आस पास देखते हैं, जिससे हमें लगता है कि लोगों के अंदर से भेड़भाव खत्म होता जा रहा है। देश में सबसे ज्यादा ये जागरूकता हरियाणा में देखती जा सकतीं हैं, समय के साथ यहां पर बहुत बदलाव आया है।
पहले लड़कियों के पैदा होने पर मातम सा छा जाता था,लेकिन अब खुशियां मनाई जाती हैं। लड़को की तरह ही कुआ पूजन किया जाता है। और तो और अब लड़कियों को लड़को की तरह घोड़ी पर बैठा कर उनका बनवारा निकाला जाता हैं। जैसे अभी हाल ही में हरियाणा के रेवाड़ी जिले के
राजकीय कर्मचारी कॉलोनी में जन चेतना फाउंडेशन की अध्यक्ष अनीता यादव ने अपनी बेटी कुसुम यादव को घोड़ी पर बैठा कर उनका बनवारा निकाला है।
इससे उन्होंने समाज को संदेश दिया है कि लड़के लड़की दोनों एक समान है।बता दें कि अनीता यादव की बेटी कुसुम यादव पेशे से एडवोकेट हैं। इस अवसर पर कुसुम यादव के पिता राकेश यादव ने बताया कि, इस माध्यम से समाज को ये संदेश दिया जा रहा है कि, जब बेटा-बेटी समान है तो फिर लड़का घोड़ी पर बैठता है तो लड़की क्यों नहीं।
जानकारी के लिए बता दें कि उनके इस नई पहल के मौके पर कलावती,सुमित्रा, कृष्णा,नरदेव,अनारदेवी, मायादेवी, डॉ. नेहा यादव,उत्सव, संजीव, आशीष , देवेश, मोनू, नरदेव,भूपेंद्रसिंह,संतरा, सुरूति,सतीश, अमिता, ममता, आशीष , देवेश,नरदेव, और सुशीला शामिल रहे।