हमारे देश की प्राचीन समय से ही प्रथा रहीं हैं कि बेटियों की शादी पर उनको पिता अपनी इच्छा के अनुसार उपहार देता थे। प्राचीन समय में पिता अपनी हेसियत के हिसाब से उपहार देता था, लेकिन बदलते समय के साथ ये उपहार मांग मे तब्दील हो गए और पिता के ऊपर एक अनचाहा सा बोझ बन गया है। जिसे आज के समय में दहेज का नाम दे दिया गया है।
लेकिन जैसे जैसे देश का युवा पढ़ लिख के समझदार हो रहा है वैसे वैसे ये प्रथा खत्म होती जा रहीं हैं। जैसे अभी हाल ही में हरियाणा के 2 बेटों ने बिना दहेज के शादी की है,उनका ये कदम अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि उन्होंने केवल एक रुपया और एक नारियल के साथ शादी की है।
जानकारी के लिए बता दें कि ये शादी हरियाणा के गांव मिठनपुरा में हुई हैं, जहां पर देवीराम देहडू की लड़की कविता व आईना की शादी 14 दिसंबर को सिरसा जिले के गांव गुड़िया के रहने वाले प्रहलाद पिलानिया के लड़के सुनील व मनीष से हुईं हैं।
जब 14 दिसंबर को प्रहलाद पिलानिया अपने दोनों लड़कों की बारात लेकर देवीराम देहडू के घर पहुंचे तो, देवीराम ने अपनी दोनों बेटियों की शादी मे दहेज के रुप में लड़को वालों को 1 लाख इक्यावन हजार रुपए नगद दिए। लेकिन लड़केवालो ने दहेज को ठुकराते हुए शगुन के रूप में एक रुपया और एक नारियल स्वीकार किया।
इस बड़े कदम के बाद से ही ये परिवार पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं उनके इस निर्णय पर लड़कियों वालों और मिठनपुरा के गांव वालों ने उनकी खूब
सराहना की हैं, क्योंकि उन्होंने दहेज ना लेने और ना देने की इस मुहिम को खुब अच्छे से समझा है।