हरियाणा के सबसे ज्यादा चर्चित Surajkund मेले को शुरू हुए 6 दिन हो चुके हैं, इस बार मेले में काफ़ी ज्यादा लोगों की भीड़ देखने को मिल रही हैं। Surajkund मेले को देखने के लिए लोग दूर दूर से आ रहे हैं।लोगो की इस भीड़ से दुकानदार भी बेहद खुश हैं,क्योंकि उनकी काफ़ी हद तक बिक्री हो रही है। इस बार मेले के छठे दिन भी खूब रौनक हैं।
वही मेला अधिकारियों के मुताबिक यहां पर रोजाना करीब 20 हजार से अधिक लोग मेला देखने आ रहे हैं। जिन लोगों ने अभी तक मेले के दर्शन नहीं किए हैं उनकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार मेलें की थीम स्टेट यानि की North East के राज्यों के लिए एक अलग जगह गैलरी बनाई गई है। जहां पर नार्थ ईस्ट के हस्तशिल्पी कलाकार अपनी हस्तशिल्प का प्रदर्शन कर रहे हैं।
इतना ही नहीं छोटी और बड़ी चौपाल पर आपकों विभिन्न राज्यों और विदेश की सांस्कृतिक देखने को मिलेगी।इतना ही नहीं आपके स्वाद का ध्यान रखते हुए यहां पर आपके लिए अलग अलग राज्यों के व्यंजनों से रूबरू होने के लिए फूड स्टाल भी लगाई गई है,जहा पर लोगो की भीड़ लगी रहती हैं। लोग राजस्थान के दाल, बाटी, चूरमा, प्याज कचौरी और मिर्च के पकौड़े का भी मजा लेते नजर आ रहे हैं।
इस बार भी मेले में हर बार की तरह दिन से ज्यादा रात में लोगों की भीड़ उमड़ रही हैं। वैसे इस बार Surajkund मेले की थीम नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्य हैं,इन आठ राज्यों में सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम हैं। लोग इन ही राज्यों की सांस्कृतिक और शिल्पकारी देखने के लिए आ रहे हैं।
बता दें कि इन शिल्पकारी मे आपको सिक्किम की परंपरागत शिल्पकला टांका, असम की शिल्पकला, मेघालय की ऊन के समान धागे से बनी ऐरी तथा एक्रेलिक के उत्पाद, नागालैंड की शाल, कुशन कवर, त्रिपुरा की रिशा, फसरा, वैस्काट, मणिपुर की सूती शाल, मेकला, रनर्स, अरुणाचल प्रदेश के विशेषकर महिला शिल्पकारों व बुनकरों के उत्पाद व मिजोरम के शिल्पकारों के बैग, शाल, लेडी पर्स, किड्स वियर, धान से बने पारंपरिक आभूषण आदि देखने को मिल जाएंगे।