बिहार के मुजफ्फरपुर से ताल्लुक रखने वाले इस युवा के चर्चे आज देश के साथ विदेश में भी हैं। वो कहते हैं न कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। कुछ वैसी ही कहानी है बिहार के प्रियांशु की। आज प्रियांशु देश के सबसे कम उम्र के उद्यमियों की लिस्ट में शामिल हैं। उनकी कहानी हर बिहारवासी के लिए प्रेरणा देने वाली है। आइए आज बिहार के इसी असली हीरो की कहानी जानते हैं।
प्रियांशु रत्नाकर का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था। प्रियांशु अपने बचपन से हीं काफी होशियार रहे हैं। वह जब तीसरी कक्षा में थे तभी से उन्होंने कंप्यूटर डीओएस (DOS) सीखना आरंभ कर दिया था।

कक्षा 8वीं में आते-आते प्रियांशु प्रोग्राम लैंग्वेज के गुण सीख चुके थे। वो बहुत अच्छी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करने लगे थे। जब प्रियांशु कक्षा 9 में थे तभी उन्होंने साइबर सिक्योरिटी की बारीकियों की तरफ अपना ध्यान केंद्रित कर लिया था।

रतन टाटा और केविन मिटनिक जैसे लोगों द्वारा चुने गए मार्ग से प्रेरित होकर, प्रियांशु रत्नाकर ने वेब और ऐप डेवलपमेंट सर्विसेस प्रदान करने के लिए अपना स्टार्टअप ‘प्रोटोकॉल एक्स’ शुरू किया। शुरू में, जब उनके स्टार्टअप को बहुत अधिक प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार न मानने का फैसला किया।

प्रेरित रहने के लिए उनकी कड़ी मेहनत और साहस ने उन्हें अपने व्यवसाय को फिर से जीवंत करने में मदद की और यही नहीं जल्द ही उन्हें 40+ से अधिक प्रमाण पत्र और अपनी उद्यमिता यात्रा के लिए पांच पुरस्कार भी मिले।
अब तक, वह AI और ML जैसी हॉट आईटी तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जो भारत में साइबर हमलों और हैकिंग के खतरे को रोकने में मदद करने का इरादा रखता है। प्रियांशु ने सबसे कम उम्र के उद्यमियों के लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया है। कहा जाता है न, मेहनत कभी भी विफल नहीं होती है। प्रियांशु के साथ भी ऐसा हीं हुआ। उनकी मेहनत बेकार नहीं गई।