हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीते गुरुवार को हरियाणा का बजट 2023- 24 पेश किया इस बजट में मुख्यमंत्री ने काफी बड़ी-बड़ी घोषणाएं की। लेकिन हरियाणा का एक जिला रेवाड़ी बड़ी-बड़ी घोषणाओं से वंचित रह गया। इस बजट में रेवाड़ी जिले के लिए कोई खास घोषणा नहीं की गई है लेकिन उम्मीद जताई जा रही थी कि कुछ घोषणा की जाएगी तो क्या है वह घोषणा चलिए जानते हैं।
सिटी बस सेवा होगी शुरू

बजट में हरियाणा में एम्स बनने की घोषणा की भी उम्मीद की जा रही थी जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी साल भालखी-माजरा में एम्स का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। जिला रेवाड़ी में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट मिलने की उम्मीद थी लेकिन घोषणा ये हुई कि हरियाणा में नगर निगम वाले 9 शहरों के साथ रेवाड़ी में भी सिटी बस सेवा शुरू की जाएगी। रेवाड़ी शहर के नए बस स्टैंड की जमीन पर अटके सारे पेंच हट गए हैं।
बजट के अभाव से पिछड़ रहे ये काम

शहर का आलीशान बस स्टैंड रामगढ़ रोड पर बनेगा, लेकिन बजट नहीं होने के कारण पिछले कई माह से इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका था। इसी तरह धारूहेड़ा में भी बस स्टैंड बनाया जाना है, जिसकी राशि भी इस बजट में मिलने की उम्मीद थी, लेकिन बजट में इसका कोई जिक्र नहीं था। वही आपको बता दें कि लाइब्रेरी बनाने की भी घोषणा की गई है।
मसानी बैराज को पर्यटक स्थल बनाने की कोशिश भी नाकाम

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर मसानी बैराज को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया पिछले 8 साल से चल रही है। पिछली भाजपा सरकार ने भी यहां बड़े क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च कर काम शुरू किया था, लेकिन बजट के अभाव में मसानी बैराज को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में काफी समय से देरी हो रही है। इस बजट में मसानी बैराज से जुड़ी कोई घोषणा नहीं हुई साथ ही जाटूसाना में कॉलेज बनाने की घोषणा की हुई है। बजट की जरूरत यहां भी है। इसके साथ ही रेवाड़ी के राजकीय महाविद्यालय को जमीन की जरूरत है। इन दोनों परियोजनाओं पर भी कोई बात नहीं हुई।
औद्यौगिक क्षेत्रों के लिए भी नही है कोई बजट

धारूहेड़ा और बवाल रेवाड़ी जिले के 2 सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र है। यह कई सारे नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियां है लेकिन फिर भी उद्योगपतियों को यहां के आधारभूत सुविधाओं के लिए मांग करनी पड़ती है। इस बार के बजट में औद्योगिक सुविधाओं की उम्मीद की जा रही थी लेकिन इसमें भी निराशा ही हाथ लगी। आपको बता दें यह दोनों क्षेत्र दिल्ली-जयपुर हाईवे से सटे हुए हैं और यहां की सड़कों की हालत बेहद खस्ता है।
धारूहेड़ा और डहीना का उपमंडल मानने का सपना रहा अधूरा

धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के साथ-साथ बहुत बड़ा एरिया भी है इसलिए यहां के जनता की मांग थी कि इसे उपमंडल बनाया जाए लेकिन ऐसा हो ना सका। आपको बता दें रेवाड़ी जिले में फिलहाल तीन उपमंडल रेवाड़ी, कोसली व बावल है। और इस बजट में 2 उपमंडल धारूहेड़ा और डहीना को शामिल करने की घोषणा भी नही है। धारूहेड़ा में तो कई साल से नगरपालिका भी चल रही है। इस बजट में धारूहेड़ा और दही ना को उपमंडल बनाने की उम्मीद थी लेकिन इस पर भी गौर नहीं दिया गया।