कई बार हम ऐसे मामले सुनते हैं, जिनको सुनने के बाद हम एक दम आश्चर्यचकित रह जाते हैं कि आखिर यह कैसे हो सकता है। ऐसा ही एक मामला बिहार के सासाराम से सामने आया है। जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।
बता दे, यह मामला शिवसागर थाना क्षेत्र के सिकरोर पंचायत के नौडीहा के युवक का है। ऐसा बताया जा रहा है कि, युवक का नाम मुकेश तिवारी है। जो अपने अंतिम संस्कार के 1 सप्ताह बाद अपने घर पहुंचा। उसे देखकर सब अचंभित रह गए।

अगर पुलिस की माने तो, यह मामला प्रेम प्रसंग का है। युवक और युवती के शव को एक साथ वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए पुलिस ने हरियाणा से बरामद किया था।
युवक के पिता ने 6 लोगों पर अपने बेटे के अपहरण और हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कैमूर के सोनहन थाना क्षेत्र के बरामद शव को बेटे के रूप में पहचान कर बाप ने अंतिम संस्कार किया कार्यवाही ना होने पर पुलिस को भी बहुत खरी-खोटी सुनाई।

एसडीपीओ संतोष कुमार राय ने बताया परिवार के सदस्यों ने युवक की गुमशुदा और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस अधिकारी पर काम में लापरवाही बरतने के लिए उन्होंने आरोप भी लगाए थे। लेकिन यह मामला प्रेम प्रसंग का निकला।
मामले में पुलिस द्वारा सूझबूझ तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद मृतक और उसकी प्रेमिका को हिरासत में लिया गया। ऐसा बताया गया कि युवक द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को गुमराह किया गया। वह कोनकी पंचायत के छोटकी चेनारी की युवती को लेकर हरियाणा के पानीपत जिले में पहुंचा था।
जहां वह अपने दोस्त के साथ रहता था। जांच के बाद लड़की और लड़का के जीवित रहने तथा मोबाइल से अपने मित्रों से बातचीत करने की पुष्टि हुई। मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने के बाद थाना अध्यक्ष द्वारा टीम बनाई गई।

हरियाणा पुलिस के सहयोग से रविवार को पानीपत से युवक और युवती को बरामद किया गया। दोनों का बयान न्यायालय में करवाया गया। न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही की गई।
दोनों ने शादी की है इसका कोई प्रमाण पुलिस को नहीं मिला। इसलिए सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। युवक का अपराधिक इतिहास भी रहा है जिसके लिए विशेष जांच की जा रही है।
युवक के पिता उमेश तिवारी ने बताया कि, बेटे ने गलत काम किया है। हम अपने परिवार में इसे नहीं रख सकते हैं। इसे जहां जाना है यह जा सकता है। हमारे परिवार कई तरह की परेशानियों से गुजर रहा है।

युवक के पिता उमेश तिवारी ने अपने बेटे की हत्या और अफवाह करने को लेकर 6 लोगों के खिलाफ कम रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसडीओपी ने बताया कि गलत शव को पहचान करने के बाद पुलिस का काम कठिन हो गया लेकिन संवेदना में नहीं वह कर सत्य को उजागर करने में मेहनत करनी पड़ती है। जिस लावारिस शव की गलत पहचान की थी उसके डिटेल्स पोस्टमार्टम रिपोर्ट सभी उच्च अधिकारियों को भेजी गई है।