फरीदाबाद 24 मई – जेसी बोस वाईएमसीए विश्वविद्यालय द्वारा मीडिया की बात-आपके साथ संवाद श्रृंखला में आज “मीडिया में उभरते अवसर” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं माखनलाल पत्रकारिता विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर के.जी सुरेश थे। वेबिनार की अध्यक्षता जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने की।केजी सुरेश ने अपने संबोधन में कहा कि एक पत्रकार अग्रिम पंक्ति का व्यक्ति होता है।
उन्होंने डॉक्टर्स की तरह पत्रकारों को भी कोरोना योद्धा बताया। महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच मीडिया को हुए नुकसान के बारे में भी उन्होंने विद्यार्थियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नुकसान हुआ है तो कोरोना के समय में डिजिटल मीडिया के अवसर भी हमारे लिए बढ़े हैं। कोरोना काल में सबसे अधिक लाभ डिजिटल मीडिया को हुआ है। उन्होंने कहा की डिजिटल मीडिया के कारण ही आज गांव तक का व्यक्ति इससे लाभ ले रहा है.
उन्होंने मीडिया के विद्यार्थियों को कहा कि अगर पत्रकारिता में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो नकारात्मकता व पूर्वाग्रह के भाव को छोड़ कर आना चाहिए। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को लेकर प्रोफ़ेसर सुरेश ने कहा कि काफी लोग ऐसा सोचते हैं कि प्रिंट मीडिया का अंत हो चुका है। लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लगता, प्रिंट मीडिया की पहुँच अब कम्युनिटी स्तर तक हो चुकी है. जिससे आम पाठक अपने आपको इससे जुड़ा हुआ महसूस करता है।
तथ्य पर आधारित ख़बरों को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऐसी ख़बरें अधिक देखने को मिल रही हैं जो तथ्यों पर आधारित होती हैं। आज की विषम परिस्तिथि में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को विज्ञापन भले ही कम मिल रहे हैं लेकिन वो इस कोरोना काल में लोगों को शिक्षित करने का काम बखूबी कर रहा है यह सराहनीय बात है.
डिजिटल मीडिया के बारे में उन्होंने कहा कि आज इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। गांवों व छोटे स्थानों में भी इसकी ज़्यादा डिमांड हो रही है। कारण है इस पर उपलब्ध वीडियो कंटेंट। प्रिंट मीडिया के लिए आपको पढ़ना आना चाहिए, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए टीवी और बिजली का बिल इतना खर्चा कई लोग नहीं उठा पाते ऐसे में डिजिटल मीडिया की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध हो रहा है।
मीडिया में उभरते अवसर को लेकर उन्होंने कहा कि आज एंकर, लेखन, कंटेंट राइटर, एनिमेशन, कम्युनिटी रेडियो, पॉडकास्टर, ड्रोन जर्नलिज्म, इन्फ्लुएंसर, स्क्रिप्ट राइटर जैसे अनेक क्षेत्रों में मीडिया के विद्यार्थिओं की आवश्यक्ता है। इसलिए आज हमें मल्टीटास्कर के रुप में अपने को तैयार करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को कंटेंट के साथ – साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी अपने को तैयार करने का आग्रह किया। सत्र के अंत में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी प्रो.सुरेश ने किया।
वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए वाईएमसीए के कुलपति दिनेश कुमार ने कहा कि महामारी के इस समय में टेक्नोलॉजी ने सभी को प्रभावित किया है। कुलपति ने न्यू मीडिया को आज के समय की आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी सूचना बिना किसी तथ्यपरकता और विश्वसनीयता के आगे साझा न करें, यही हमारा पत्रकारिता धर्म व आज के समय की आवश्यकता भी है । कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा किये जा रहे इस प्रकार के मीडिया संवाद को उन्होंने सराहनीय प्रयास बताया।
और इस प्रकार के कार्यकर्मों से वास्तव में मीडिया के विद्यार्थियों को बहुत कुछ नया सिखने को मिलेगा,ऐसा विश्वास जताया।वेबिनार का आयोजन फैकल्टी ऑफ लिबरल आर्ट एंड मीडिया स्टडीज के डीन एवं अध्यक्ष प्रोफेसर अतुल मिश्रा की देखरेख में किया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने मुख्य अतिथि, विभागाध्यक्षों एवं सभी विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए साधुवाद दिया।