हर देश की अलग परिभाषा और परम्परा होती है जिसे लोगों को निभाना पड़ता है। ऐसे कई देश है जहां की परंपरा बेहद अलग और अनोखी होती है जिसे समझ पाना बेहद मुश्किल हो जाता है तो चलिए आपको कुछ ऐसे देशों की परंपरा बताने जा रहे है जो बेहद दर्दनाक और डरावना होता है। जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे। मलयेशिया के थईपुसम त्योहार में लाखों तमिल श्रद्धालु शरीक होते हैं। भगवान मुरुगन को प्रसन्न करने के लिए वे अपना शरीर सैकड़ों खूंटियों से छेदते हैं।
भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) के भक्तों के लिए थईपुसम साल का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। कई श्रद्धालु कांवड़ लेकर चलते हैं जो अलग-अलग आकार-प्रकार की होती है। आम तौर पर यह गोलाकार फ्रेम की होती है, जिसे मोरपंखों और फूल-मालाओं से सजाया जाता है। इसके फ्रेम से हुक और सैकड़ों खूंटियां लटकी होती हैं जिनको श्रद्धालु अपने शरीर में घुसा लेते हैं। यह दर्दनाक लगता है।

तिब्बत में एक ऐसा ही समुदाय है जो व्रजयान बौद्ध धर्म को मानते है और शव का अंतिम संस्कार शव का मांस गिद्धों को खिलाकर करते है।इस समुदाय के अनुसार शरीर से आत्मा के निकलने के बाद वो एक खाली बर्तन है, जिसे सहज के रखने की जरुरत नहीं है। इसलिए वे लोग इसे आकाश में दफ़न कर देते है। इसे sky burial कहा जाता है।

साउथ अमेरिका के ब्राजील और वेनेजुएला में यानोमामी जनजाति जोकि यनम या सीनेमा के नाम से जाने जाते हैं। यह जनजाति आजकल के आधुनिकीकरण और पश्चिमीकरण से प्रभावित नहीं होते, बल्कि यह अपनी संस्कृति व परंपराओं का अनुपालन करते हैं। इस जनजाति में अंतिम संस्कार करने का तरीका बड़ा ही अजीबोगरीब है।

यही वजह है कि एंडो-केनिबलवाद कहे जाने वाली इस परंपरा के अंतर्गत यह जनजाति अपनी ही जनजाति के मृतकों के मांस खाने की अनोखी प्रथा हैं।