महामारी को रोकने के लिए अगर बेहतर ढंग से प्रोटोकॉल का पालन किया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए तो इसके संक्रमण को पूरी तरह से रोका जा सकता है। फरीदाबाद जिला के 5 गांव तो इस बात के स्पष्ट उदाहरण है। जिला के 125 गांव में से 120 गांव में संक्रमण के मामले सामने आए तो इन 5 गांव में कोई भी संक्रमण का मामला पिछले डेढ़ वर्ष में सामने नहीं आया। सामुदायिक चिकित्सा केंद्र कुराली के अधीन गाँव अकबरपुर, दलेलगढ और नई टोड गांव आते है। पीएचसी छाँयसा के अधीन गाँव अहमदपुर और पीएचसी फतेहपुर तेगा के अन्तर्गत जकोपूर गांव शामिल है।
उपायुक्त यशपाल इन पांचों गांव के लोगों को बधाई दी है और भविष्य में भी इसी तरह से कोरोना के नियमों का पालन करते हुए अपने गांव में संक्रमण को नए घुसने देने का आह्वान किया है।उपायुक्त यशपाल ने बताया कि जिला प्रशासन की कड़ी मेहनत और विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों में आपसी तालमेल की बदौलत प्रत्येक गांव में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को और शहरी क्षेत्र के लोगों को शुरू से ही जागरूक किया गया कि कोरोनावायरस ने का एकमात्र उपाय कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना है। उन्होंने कहा कि मास्क लगाना, एक दूसरे से सामाजिक दूरी बना कर रखना, झुंड में नए बैठना और समय-समय पर साबुन व सैनिटाइजर से हाथों को धोना शामिल है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण शहरी क्षेत्र से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ भी बड़ी तेजी से फैला है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इकट्ठा बैठकर हुक्का पीते हैं ताश खेलते हैं और सामाजिक दूरी का ध्यान भी नहीं रखते । उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मास्क भी काफी कम प्रयोग करते हैं ।
इन सबके बीच जिला के 5 गांव ऐसे हैं जिन्होंने कोविड-19 प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन किया और जब से कोरोना के मामले आने शुरू हुए हैं तब से इन गांव में एक भी कोविड-19 का मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि गांव में का से तथा ग्रामीणों द्वारा सरकार की कोविड-19 की हिदायतो की पूर्ण रूप से पालना की बदौलत से जिला फरीदाबाद में पांच गांव ऐसे भी है,जहाँ आज तक वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से एक भी व्यक्ति कोराना पोजटिव नहीं हुआ है।
इस संबंध में सीएमओ रणदीप सिंह पुनिया का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना है। उन्होंने कहा कि 2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी इस फार्मूले पर चलते हुए हम इस बीमारी के संक्रमण से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता काफी कम होती है लेकिन इन गांव के लोगों ने बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि बाकी अन्य गांव के लोगों को भी इन नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी को बुखार है अथवा कोविड-19 के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत अपनी जांच अवश्य करवाएं। उन्होंने कहा कि धीरे धीरे संक्रमण बेशक काम हो रहा है लेकिन इसके बावजूद हमें ढील नहीं बरतनी है।