जिस बेटे के पैदा होने पर पिता ने ढोल नगाड़े बजवा कर गांव वालों को भोज दिया था, उसी ने मां-बाप का सहारा बनने के बजाय उन्हें पीटकर घर से निकाल दिया। अक्सर आपने खबर सुनी होगी जब बेटा अपने माता पिता को सारी संपत्ति लेकर घर से बाहर निकाल देते है। कहते है ना जब बच्चे माता पिता को बोझ समझने लगे तो इससे शर्म की बात कुछ नहीं हो सकती। कानपुर में बुजुर्ग माता-पिता को पीटकर घर से बाहर निकालने का मामला सामने आया है।
बुजुर्ग दंपती बीते 22 दिनों से इधर-उधर भटक रहे हैं। बुजुर्ग दंपती डीएम कार्यालय पहुंचे और एडीएम प्रशासन को रोते हुए आपबीती सुनाई। बुजुर्ग दंपति ने कहा कि अपना सब कुछ न्यौछावर करके इकलौते बेटे को पढ़ा लिखाकर सरकारी अध्यपक बनाया ताकि वो बुढ़ापे का सहारा बनेगा।
बुजुर्ग दंपत्ति की आपबीती सुन आप भी हैरान रह जाएंगे। दोनों ने पुलिस को बताया कि उनपर जुल्म किया जाता है इसी के साथ खाना भी नहीं दिया जाता। अगर गलती से देता भी है तो वो कुछ दिन पूरानी रोटी देता है।
अगर उसके पास अच्छे खाने के लिए बोल देते है तो वो गालिया निकालने से बाज नहीं आता है। इस मामले पुलिस का कहना है कि जब दोनो थाने आए तो उनकी ऐसी हालत थी कि वो कुछ देर और खड़े रह जाते तो वो बेहोश हो जाते है।
क्योंकि वो काफी ज्यादा अपने बेटे से परेशान थे उन्हें खाना नहीं मिल पाता जिसकी वजह से दोनों की हालत बहुत खराब थी। आपको बता दे कि बूढ़े पिता का नाम शिवप्रकाश है जिन्होंने अपने बच्चे को पढ़ाने और बड़ा इंसान बनाने के लिए जिंदगी दांव पर लगा दिया।
उसके बाद बेटे ने माता पिता बहला फुसलाकर सारी संपत्ति अपने नाम कर ली। फिर बेटे ने दोनों को मारना शुरू जार दिया। इस परिस्थिति में माता पिता के पास कुछ भी नहीं बचा सिवाए प्रताड़ित होने के।