फरीदाबाद, 2 जून – जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूचना प्रौद्योगिकी आधारित राष्ट्रीय शिक्षा मिशन (एनएमईआईसीटी) के माध्यम से वर्चुअल प्रयोगशालाओं के उपयोग के लिए नोडल केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है। वर्चुअल प्रयोगशाला दूरस्थ शिक्षा और प्रयोग के लिए एक उपकरण है जो विद्यार्थियों को ज्ञान, डेटा, आवाज, वीडियो, उपकरण और कई अन्य संसाधनों को साझा करने में सक्षम बनाता हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली परियोजना का एक प्रतिभागी संस्थान है। वर्चुअल लैब सुविधाओं से विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों को परिचित करवाने तथा व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए जे.सी. बोस विश्वविद्यालय केे कंप्यूटर सेंटर और डिजिटल अफेयर्स सेल द्वारा आईआईटी दिल्ली की वर्चुअल लैब्स के सहयोग से वर्चुअल लैब्स पर हैंड्स-ऑन वर्कशॉप का आयोजन कर रहा है। कार्यशाला का संचालन आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ वक्ता करेंगे।
कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने महामारी के दौरान विद्यार्थियों के लिए वर्चुअल लैब सुविधाएं शुरू करने के लिए डिजिटल अफेयर्स सेल द्वारा की गई पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों को ऑफलाइन प्रयोगशालाओं और सुविधाओं के अभाव में प्रयोगशाला अनुभव प्राप्त करने में मदद करेगा।
विश्वविद्यालय में डिजिटल मामलों की निदेशक डॉ. नीलम दुहन ने कहा कि वर्चुअल लैब विद्यार्थियों को ऐसे कई प्रयोग करने में सक्षम बनाएगी जो जोखिमों के कारण वास्तविक प्रयोगशालाओं में करना मुश्किल है। इसलिए, यह शिक्षार्थियों के लिए एक सुरक्षित, ऑनलाइन वातावरण में अभ्यास करने का एक अच्छा माध्यम है।
नोडल समन्वयक डॉ. ललित मोहन गोयल ने बताया कि लॉकडाउन और विश्वविद्यालय बंद होने के कारण सभी विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला में भागीदारी को अनिवार्य किया गया है और उन्हें ई-सर्टिफिकेट प्रदान किये जायेंगे।