महामारी संकट ने दुनिया में आय की असमानता को और बढ़ा दिया है। मार्च 2020 से दिसंबर 2020 के बीच लॉकडाउन और अन्य परेशानियों की वजह से जहां करोड़ों लोग और गरीब हो गये हैं, वहीं दुनिया के टॉप अमीरों की संपत्ति में करीब 3.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 285 लाख करोड़ रुपये) का इजाफा हुआ है। कोरोना महामारी में दुनियाभर के करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा में ला खड़ा किया है। लाखों लोगों की इस दौरान नौकरी चली गई।
लोगों के सामने रोजगार का संकट आ खड़ा हुआ है। इन सब के बीच एक अच्छी खबर आ रही है। दरअसल, अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया के एक काउंटी ने तय किया है कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि होने पर व्यक्ति को करीब 94 हजार रुपये दिए जाएंगे। ये पैसा उन्हें अपने इलाज और खाने के खर्च के लिए दिया जा रहा है।

कैलिफोर्निया के अलामेडा काउंटी के सुपरवाइजर्स ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वहां ऐसे कई पॉजिटिव होने के बाद दो हफ्ते के लिए क्वारेंटाइन रहना अफोर्ड नहीं कर पाते। ऐसे में उनकी मदद के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है।

पैसे मिलने के बाद शख्स को दो हफ्ते है लिए क्वारेंटाइन रहना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले के बाद कोरोना पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। बोर्ड का कहना है कि अगर लोग टेस्ट कराने से डरने लग जाएं या फिर आइसोलेट नहीं होंगे तो कोरोना वायरस खत्म नहीं हो पाएगा।

इसके चलते उन्होंने लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए ये प्रोगाम बनाया है। बोर्ड ने बताया कि कोरोना की जांच शख्स को किसी क्लिनिक में करवाकर उसकी रिपोर्ट जमा करनी होगी। साथ ही शख्स को ऑफिस से पेड सिक लीव ना मिल रही हो। इसके अलावा अगर मरीज को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है, तब भी वो इस मदद का हकदार नहीं होगा।