महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत ऑब्जरवेशन होम में युवाओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिल रही हैं, जिसमें उच्च गुणवत्ता युक्त संतुलित आहार, खेल-कूद और मनोरंजन की सुविधाएं, काउंसलर की उपलब्धता, रहने की साफ-सुथरी व्यवस्था और रोजगार परक क्लासेस और प्रशिक्षण शामिल है। यह जानकारी दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री माननीय राजेंद्र पाल गौतम ने युवाओं के लिए चल रहे ऑब्जरवेशन होम का निरीक्षण करने के दौरान साझा की।
महिला एवं बाल विकास राजेंद्र पाल गौतम बृहस्पतिवार को ऑब्जरवेशन होम का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ऑब्जरवेशन होम में दी जा रही सभी सुविधाओं की बारीकी से जांच पड़ताल की।
मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि युवाओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न आने पाए और यदि अधिकारी कोई सुविधा देने में असमर्थ हैं, तो यह लिखित में उनके संज्ञान में लाया जाए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऑब्जर्वेशन होम में रह रहे 16 से 18 वर्ष के इन युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह संजीदा है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अपने अतीत को पीछे छोड़ यह युवा अपने जीवन में अच्छा मुकाम हासिल करें।
ऑब्जरवेशन होम में 16 से 18 वर्ष के युवाओं को पुनर्वास के लिए रखा जाता है, जब तक उनके मामले किशोर न्याय अधिनियम 2000 के अंतर्गत लंबित रहते हैं। पुनर्वास के दौरान इन युवाओं को रहने की सभी सुविधाएं, जिसमें खाना कपड़े शामिल है, सरकार की तरफ से दिए जाते हैं।
मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि इस ऑब्जर्वेशन होम में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है और इसके लिए यहां काउंसलर उपलब्ध रहते हैं, ताकि बच्चे अपनी असीम ऊर्जा को सकारात्मक क्रिया कलापों में लगाकर एक बेहतर नागरिक बनकर दिखाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि यहां मां-बाप की अनुपस्थिति में बच्चों को घर जैसा माहौल मुहैया कराया जाता है, ताकि उन्हें भौतिक आवश्यकताओं के साथ-साथ भावनात्मक कमी न महसूस हो सके।
मंत्री ने इस बात की खुशी जताते हुए कहा कि ऑब्जरवेशन होम में सभी सुविधाएं विश्व मानकों के अनुसार से दी जा रही हैं। होम में संतुलित आहार के साथ-साथ ज्ञान वर्धक मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं और बच्चों के लिए भी मनोरंजन के उपकरण आदि मौजूद हैं।
ऑब्जरवेशन होम से बाहर जाकर बच्चे एक बेहतर जीवन व्यतीत कर सकें और आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े हो सकें, इसके लिए उन्हें रोजगार परक वोकेशनल प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिसमें कंप्यूटर, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन, डांस, म्यूजिक आदि की ट्रेनिंग दी जाती है।
इस ऑब्जर्वेशन होम की कुल क्षमता 150 युवाओं की है और वर्तमान में यहां 102 युवा रह रहे हैं। युवाओं के स्वास्थ्य का पूरी तरह ख्याल रखा जाता है और फिलहाल एक भी बच्चा कोरोना संक्रमित नहीं है।
राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि ऑब्जरवेशन होम का प्रमुख उद्देश्य यही होता है कि युवाओं को हर तरह से अनुशासित कर उनके भावनात्मक विकास को सुनिश्चित किया जाए, ताकि जीवन के प्रति उनका रवैया सकारात्मक हो सके और उनके अंदर की कुंठा और नकारात्मकता खत्म की जा सके।