कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य हेल्थ वर्कर्स ने आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी है। जालंधर में भी इसका एक उदाहरण देखने को मिला है। बुधवार को चन्नप्रीत सिंह मेमोरियल चैरिटेबल अस्पताल, बस्ती गुजां, में जिले में पहली बार लेवल-1 के मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर खोला गया। इसकी कमान गर्भवती डॉ. रिचा चतरथ ने संभाली है। वे यहां की नोडल अफसर हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि 9 महीने प्रेग्नेंट होने के बाद भी महिला लोगों की सेवा में जुटी हैं। उन्होंने कोविड मरीजों के लिए डॉक्टर व स्टाफ से तालमेल और दवाइयों से लेकर उनकी अन्य सभी जरूरतों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी ली है।
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डॉ. ऋचा चतरथ का कहना है कि वह पिछले एक साल से अस्पताल में बतौर फिजियोथेरेपिस्ट सेवाएं प्रदान कर रही हैं।महामारी बढ़ने पर अस्पताल में लेवल-1 मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर बनाया गया है।
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इसकी पिछले एक महीने से तैयारी की जा रही थी। हाल ही में सेंटर का शुभारंभ किया गया। उन्हें इसका नोडल अफसर बनाया गया है। वह गर्भ के दौरान भी कोरोना को हराने के लिए पूरा प्रयास कर रही हैं।
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अगले दो सप्ताह में उनकी डिलीवरी होने वाली है। उसके बाद वह घर से फोन पर स्टाफ व ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ तालमेल रखेंगी।उनका कहना है कि उन्हें पता कि गर्भ के दौरान कोरोना से बचकर रहने की जरूरत है।
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वह कोविड नियमों का पूरी तरह से पालना कर रही है। वहीं सेंटर के चैयरमेन ने बताया कि ऋचा काफी मेहनती और हिम्मत वाली लड़की है।
गर्भवती होने के बावजूद भी व्व अपना काम बखूबी निभा रही है। कोविड को देखते हुए उन्हें कोरोना पॉजिटिव मरीजों से दूर रखा गया है इसी के साथ ऋचा अपने ऑफिस में बैठकर सेंटर की व्यवस्था को बनाये रखी हुई है।