महामारी की दूसरी लहर में एक के बाद एक बुरी रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं, लेकिन ओडिशा के भुवनेश्वर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो राहत देने वाली है। यहां के एक अस्पताल में भर्ती महज 25 दिन की बच्ची ‘गुड़िया’ ने खतरनाक वायरस को मात दे दी। यह मासूम 10 दिनों तक वेंटिलेटर पर भी रही। बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर इसे किसी चमत्कार से कम नहीं बता रहे हैं। जहां एक बच्ची को संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था।
इस बच्ची की उम्र केवल 25 दिन है लेकिन इसकी हिम्मत आपको हैरान कर देगी। ये नन्हीं सी जान 10 दिनों तक कोरोना से जंग लड़ती रही और अंत में इसने इस महामारी को मात दे दिया।

आम लोग ही नहीं बल्कि इस बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर तक इसकी हिम्मत को देख कर हैरान हैं। इस खबर को सुन हर कोई भगवान का धन्यवाद कर रहा है। बता दें कि ओडिशा के भुवनेश्वर में इस नवजात शिशु के ठीक होने के बाद ये देश के ठीक होने वाले सबसे कम उम्र के लोगों में से एक बन गई है।

बच्चे का इलाज करने वाले नवजात रोग विशेषज्ञ डॉ अरिजीत महापात्रा ने कहा कि उसे तीन हफ्ते तक महामारी से लड़ने के बाद बुधवार, 12 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टर ने बताया, “गुड़िया नाम की एक 25 दिन की बच्ची को कालाहांडी जिले से बुखार, खराब भोजन, दौरे और गंभीर सांस की तकलीफ के साथ रेफर किया गया था। बच्चे को आइसोलेशन आईसीयू में भर्ती कराया गया था और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था क्योंकि उसमें मल्टीऑर्गन फेल्यर की विशेषताएं थीं।”

डॉ अरिजित ने बताया कि इस बच्ची पूरा परिवार ही कोविड पॉजिटिव पाया गया था। परिवार के सदस्य दूसरे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे। बच्ची को भर्ती करते ही सबसे पहले इसका आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया गया जिसके बाद पता चला कि वह भी पॉजिटिव है।

इलाज के दौरान बच्ची को रेमडेसिवीर, स्टेरॉइड्स और अन्य एंटीबायोटिक दवाएं दी गईं। बच्ची की नाजुक स्थिति को देखते हुए इसे पहले दस दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया। इतना कुछ सहने के बाद भी इस नन्हीं सी जान ने हार नहीं मानी और जंग जीत गयी।