समय का चक्र बड़ा बलवान होता है। समय ही है जो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। दरअसल ऐसा ही हुआ है भारतीय मूल के अरबपति के साथ। बतादें संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय मूल के अरबपति बीआर शेट्टी को अपनी कंपनी फिनाब्लर पीएलसी को अपना कारोबार इजरायल-यूएई कंसोर्टियम को केवल एक डॉलर यानी 73 रुपये के आसपास में बेचना पड़ रहा है।
शेट्टी की कंपनियों पर अरबों डॉलर का कर्ज है। साथ ही उनकी कंपनी के खिलाफ फर्जीवाड़े की जांच भी की जा रही है। यही कारण है कि फिनाब्लर का कारोबार मात्र 73 रुपये में बिक रहा है।
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पिछले साल शेट्टी की कंपनियों के शेयरों पर स्टॉक एक्सचेंजों में कारोबार करने को लेकर रोक लग गई थी। कंपनियों की साख समाप्त हो जाने से कोई भी उनमें निवेश करने को तैयार नहीं था।
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इस स्थिति में दो देशों के बीच बने कंसोर्टियम ने इस कंपनी को लेने का निर्णय लिया है। पिछले साल दिसंबर के महीने में फिनाब्लर के कारोबार की मार्केट वैल्यू दो अरब डॉलर थी।
वहीं कंपनी पर करीब एक अरब डॉलर का कर्ज बताया जा रहा था। फिनाब्लर ने ग्लोबल फिनटेक इन्वेस्टमेंट्स होल्डिनग्स के साथ एक समझौते की घोषणा की है।
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फिनाब्लर पीएलसी लिमिटेड अपनी सारी संपत्ति जीएफआईएच को बेच रही है। जीएफआईएच इजरायल के प्रिज्म ग्रुप की सहयोगी कंपनी है। प्रिज्म ग्रुप ने लेन-देन के संबंध में अबूधाबी के रॉयल स्ट्रेटेजिक पार्टनर्स के साथ एक कंसोर्टियम का गठन किया है।
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बताया जा रहा है कि यह सौदा संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल की कंपनियों के बीच महत्वपूर्ण वाणिज्यिक लेन-देन को लेकर भी है। एक समय था जब बीआर शेट्टी के पास कुछ भी नहीं हुआ करता था लेकिन जैसे ही वक्त बदला सब बदल गया।
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ऐसा नहीं है कि मिस्टर शेट्टी ने मेहनत नहीं की, दरअसल उन्होंने सबकुछ किया था लेकिन उनकी किस्मत में अंत में यही लिखा था शायद, और वही हुआ भी।