उत्तर प्रदेश में जारी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच प्रदेश में होने वाले यूनिवर्सिटी एग्जाम 2021 को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल कोरोना काल में शैक्षिक सत्र 2020-21 में मुख्य एंव सेमेस्टर परीक्षाओं के बिना ही लाखों छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। प्रमोट किए जाने के मानक तय करने के लिए शासन की तरफ से तीन कुलपतियों की एक कमेटी बनाई गई है। कमेट के निर्देश के बाद फैसला शासन स्तर पर लिया जाएगा।उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक कमे़टी में लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक और महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर कृष्णपाल सिंह को शामिल किया गया है।
शासन की तरफ से कमेटी को एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। शैक्षिक सत्र 2020-21 में कोरोना की पहली व दूसरी लहर के कारण शैक्षणिक कार्यों के साथ-साथ परीक्षाओं पर भी असर पड़ा है।ऑनलाइन कक्षाओं के सहारे कुछ समय के लिए तो शैक्षिक कार्य चालू रहा, लेकिन परीक्षाएं नहीं हो सकी. खुद लखनऊ यूनिवर्सिटी में ही ज्यादातर कक्षाओं की परीक्षाएं नहीं हो पाई है।
बतादें प्रदेश सरकार ने तीन कुलपतियों की कमेटी बनाई है। इस कमेटी में लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आलोक राय, कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और रुहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली के कुलपति प्रो. कृष्ण पाल सिंह शामिल हैं। खबर है कि जल्द ही कमेटी की पहली बैठक होगी। इसमें मौजूदा हालात और स्टूडेंट्स के करियर को ध्यान में रखते हुए उचित फैसला लिया जाएगा।
तो कुल मिलाकर यूपी में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे करीब 30 लाख स्टूडेंट्स के लिए राहत की खबर है। क्योंकि इस बार भी राज्य सरकार ग्रेजुएशन में फर्स्ट और सेकेंड ईयर वालों के साथ पोस्ट ग्रेजुएट फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को बिना एग्जाम प्रमोट करने की तैयारी की है। जबकि ग्रुजएशन फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को परीक्षाएं देनी होंगी, जो जून-जुलाई में हो आयोजित की जा सकती हैं।