कोरोना की दूसरी लहर, कहर बनकर टूटी है। कुछ लोगों में इसका ख़ौफ़ है तो कुछ लोग इसकी चपेट में लगातार आ रहे हैं। लेकिन कहते हैं ना आज़ादी के दीवानों, आज़ादी के मतवालों को ना तो कोई तब अपनी ज़द में ले पाया जब पपदेश गुलाम था और नाहीं अब जब देश में कोरोना महामारी है। तो आपको बतादें इस महामारी की जंग को भी लड़कर और जीतकर 103 वर्षीय गांधीवादी दोरेस्वामी अपने घर लौट आए हैं।स्वस्थ होने के बाद उन्होंने कहा कि पांच दिन पहले उन्हें कोरोना के लक्षण समझ आए, लेकिन फिर भी वो स्वस्थ थे। उभरे, लेकिन कोई समस्या नहीं थी।
लेकिन मुझे सिर्फ और सिर्फ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी इसलिए मैं अस्पताल में भर्ती हुआ। हालांकि उसके बाद मुझे छुट्टी मिल गई थी। पदोरेस्वामी ने बताया कि प्रमुख कार्डियोलाजिस्ट की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। दोरेस्वामी को सरकार द्वारा संचालित स्वायत्तशासी श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंस एंड रिसर्च में भर्ती किया गया था।

जयदेव इंस्टीट्यूट के निदेशक डाॅ. सीएन मंजुनाथ एक प्रमुख कार्डियोलाजिस्ट और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के दामाद हैं। उन्होंने ही दोरेस्वामी की देखरेख की थी। जानकारी के लिए बतादें कि दोरेस्वामी भारत छोड़ो आंदोलन से देश की आजादी के आंदोलन में कूदे थे। और फिर दोरेस्वामी भारत छोड़ो आंदोलन से देश की आजादी के आंदोलन में कूदे। उन्हें 14 महीने तक जेल में भी रखा गया था।
उन्होंने मैसुरु चलो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। सेंट्रल कालेज बेंगलुरु से विज्ञान में स्नातक दोरेस्वामी ने शिक्षा के पेशे को अपनाया और पौरावाणी नाम से अखबार भी निकाला था। वो लगातार देशहित में काम करने को आतुर रहते थे, और कभी भी फ्री नहीं होते थे, कुछ न कुछ देश के बारे में करते और सोचते हो रहते थे। उन्होंने सेंट्रल कालेज बेंगलुरु से विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। दशकों से कर्नाटक में नागरिक समाज के आंदोलनों में एक जाने-पहचाने व्यक्ति हैं।
बेंगलुरु में झीलों को पुनर्जीवित करने का भी काम उन्होंने किया। हारोहल्ली श्रीनिवासैया दोरेस्वामी का जन्म 10 अप्रैल, 1918 को बेंगलुरु में हुआ था। उनके एक फैमली मेंबर ने बताया कि पांच दिन पहले कोरोना के लक्षण मिले थे। उन्हें ज्यादा तकलीफ नहीं थी लेकिन सांस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। जो अब बिल्कुल सकुशल घर वापस लौट आए हैं। इसके लिए उन्होंने सभी का सभी की तरफ से मिली दुआओं का भी खूब शुक्रिया अदा किया।