चंडीगढ़- हरियाणा वाटर रिसोर्स ऑथोरिटी की चेयरपर्सन केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि राज्य में आगामी वर्ष के अन्दर एक लाख एकड़ भूमि की उर्वरता में सुधार किया जाएगा, जिसके लिए प्रथम चरण का भूमि संबंधित सर्वे 4 जिलों में पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही राज्य के नूहं, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा 5 जिलों में दूसरे चरण का सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
अरोड़ा ने आज हरियाणा वाटर रिसोर्स अथोर्टी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर गठित यह अथोर्टी राज्य के विभिन्न जिलों में गिरते जल स्तर तथा वाटर लॉगिंग की समस्या पर एक व्यापक योजना पर कार्य कर रही है।
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किसानों की सुविधा एवं प्रदेश में भू-जल स्तर से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सरकार द्वारा केन्द्रीयकृत पानी निगरानी प्रणाली तैयार की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस योजना से राज्य के किसानों को उनकी फसलों में विविधिता का लाभ मिलेगा, जिसके कारण वर्ष भर में एक से अधिक फसलों की उपज सम्भव हो सकेगी। इस प्रक्रिया से न केवल किसानों की आय में वृद्घि होगी, बल्कि भूमि उर्वरता में भी सुधार होगा।
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अथोर्टी की चेयरपर्सन ने बताया कि जहां एक ओर राज्य के 14 जिलों में भू-जल स्तर गिर रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के 9 जिले वाटर लॉगिंग की समस्या से जूझ रहे हैं। इसमें प्रतिवर्ष 9 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की जा रही है। इस समस्या के निदान हेतु राज्य के सिंचाई, कृषि, बागवानी, वन, मत्स्य विभाग सहित कुल 7 विभागों को उचित योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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उन्होंने कहा कि योजना के प्रथम चरण में सोनीपत, रोहतक, झज्जर तथा चरखी दादरी चार जिलों में भू-सर्वे किया गया है, जिसमें 180424 एकड़ भूमि लवणीय या वाटर लॉगिंग की समस्या से ग्रस्त है।
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हरियाणा सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों को संयुक्त रूप से सर्वे के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी सर्वेयर के साथ किसानों को जागरूक करने का कार्य करें ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
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इसके लिए सभी विभागों के अधिकारी स्थान विशेष की समस्या को समझकर उसके लिए संयुक्त रूप से योजना तैयार करें। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग विशेषकर वर्टीकल ड्रेनेज, कृषि विभाग हॉरिजोनटल ड्रेनेज तथा वन विभाग बॉयो ड्रेनेज पर कार्य करेंगे।
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हरियाणा कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि शीघ्र ही उक्त 5 जिलों में सर्वे का कार्य शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में विभाग ने सर्वें का कार्य पूरा कर लिया है। इसके तहत 415 गांवों में सर्वे किया गया है, जिसमें किसानों से बातचीत कर इस संबंध में जानकारी दी गई।
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इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता उपस्थित रहे तथा आईएफएस वी.एस तंवर, कृषि विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह, हरियाणा भूमि सुधार और विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक राजीव रत्न तथा सिंचाई विभाग में मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सतबीर कादियान सहित जिलों के अतिरिक्त उपायुक्त, सर्वेयर सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।