हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति पर कार्य करते हुए राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा सरकार के आदेशों पर अगस्त, 2021 के दौरान पांच नई जांचें दर्ज की गई और इसके अलावा, ब्यूरो ने चार जांचें पूरी कर एक राजपत्रित अधिकारी व चार अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि एक जांच में ब्यूरो ने एक राजपत्रित अधिकारी के विरुद्ध सरकार को अपने स्तर पर कार्रवाई करने की सिफारिश की है।

उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा अगस्त माह के दौरान दो विशेष चेकिंग/तकनीकी जांच की रिपोर्ट भी सरकार को भेजी गई जिसमें संबंधित ठेकेदार से 16,242 रुपये वसूलने की सिफारिश की गई।

प्रवक्ता ने बताया कि इसी अवधि के दौरान जिन सात कर्मचारियों व उनके सहयोगियों को 5,000 रुपये से 40,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामले दर्ज किए गए, उनमें खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग, हिसार कार्यालय के अनुबंध आधार पर कार्यरत सेवादार रामपाल को औषध नियंत्रक अधिकारी सुरेश चौधरी की ओर से 40,000 रुपये, सैक्टर-4 करनाल पुलिस चौकी के कार्यकारी मुख्य सिपाही मनोज कुमार को 20,000 रुपये, राजस्व विभाग के भुसली, करनाल की हलका पटवारी सलमा रानी; बडोता गांव के सतबीर सिंह तथा हलका बड़ागांव के कानूनगो राममेहर को 5,000 रुपये, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग पानीपत के चौकीदार हंसराज को 19,000 रुपये, ऑक्सीजन प्लांट, नागरिक अस्पताल अम्बाला में अनुबंध आधार पर कार्यरत सुपरवाईजर नरेन्द्र शर्मा को 10,000 रुपये, आवास बोर्ड, सैक्टर-23, फरीदाबाद की सम्पदा प्रबंधक लाजवंती तथा विकास एवं पंचायत विभाग सोनीपत के कनिष्ठ अभियंता राहुल अहलावत को 20-20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना शामिल है।
