वातावरण में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यदि इस बार भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर कुछ उपाय नहीं किए गए तो सर्दी में लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है। तापमान में गिरावट और नमी के कारण प्रदूषण का स्तर अभी से बढ़ने लगा है। दिल्ली-एनसीआर में अक्टूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह में ही स्मॉग से परेशानी बढ़ने लगती है।
तापमान कम होने के साथ ही हवा की गति भी कम हो जाती है। धूल व धुआं वातावरण में जमकर स्मॉग में परिवर्तित हो जाता है।

ऐसे में बचाव के लिए अभी से पुख्ता इंतजाम करने होंगे। इस बारे में नगर निगम आयुक्त गुरुग्राम की ओर से प्रदूषण फैलाने वालों पर 24 घंटे निगरानी रखने और जुर्माने की कार्यवाही के लिए कई टीमों को तैनात किया गया है।

सेनिटेशन विग और एन्फोर्समेंट टीमों को खुले में कचरा व प्लास्टिक आदि जलाने, निर्माण सामग्री खुले में रखने वालों के चालान काटने सहित ज्यादा प्रदूषण होने पर सड़कों पर पानी का छिड़काव आदि की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बता दें कि शुक्रवार दोपहर तीन बजे गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर 187 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। यानी हवा सामान्य से तीन गुना ज्यादा जहरीली रही।
जहरीली गैसों का सम्मिश्रण होता है स्मॉग

स्मॉग शब्द स्मोक (धुआं) और फाग (धुंध) से मिलकर बना है। सर्दी के दिनों में हवा में नमी बढने के साथ ही जहरीली गैसें- कार्बन मोनोआक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाईआक्साइड और हाइड्रो कार्बन के मोटे कण जमीन से थोड़ा ऊपर हवा में एक आवरण बना लेते हैं जो दिखने में धुएं जैसा लगता है।
बच्चों व बुजुर्गों के लिए है खतरनाक

स्मॉग की वजह से सांस लेने में भी काफी परेशानी होती है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। स्मॉग से आंखों व नाक में जलन व सिरदर्द हो सकता है। इस दौरान अस्थमा के मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत है।
जॉगिंग व व्यायाम करना हानिकारक

सुबह के समय स्मॉग का प्रभाव सबसे अधिक होता है, क्योंकि उस समय मौसम काफी ठंडा होता है। ज्यादा प्रदूषण के दौरान पार्को में जॉगिंग और व्यायाम करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
किसानों का आहवान करते हुए उपायुक्त डॉ. यश गर्ग ने कहा कि फसलों के अवशेषों को जलाने की बजाय किसान उनका उचित प्रबंधन करें।