मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा की शुरू की गई सीएम विंडो व ट्विटर हैंडल की व्यवस्था भ्रष्टाचार के मामले में भी कारगर सिद्ध हो रही है। इस व्यवस्था के चलते सरकारी फंड में गड़बड़ी करके प्रदेश के खजाने को चूना लगाने वाले भ्रष्ट लोगों को शिकायत सीएम विंडो या ट्विटर हैंडल पर शिकायत होने का भय सताने लगा है क्योंकि गड़बड़ की गई राशि की वसूली, ब्याज सहित करने के कई मामले जनता के सामने उजागर हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार इस व्यवस्था पर आई शिकायतों, समास्याओं व सुझावों पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर उनका कम से कम समय में समाधान किया जाता है और शिकायतकर्ता को उसके मोबाइल या रि-ट्विट करके सूचित किया जाता है कि उसके द्वारा की गई शिकायत किस स्तर पर है।

बिलों में मिली भारी गड़बड़ी
भूपेश्वर दयाल ने बताया कि फरीदाबाद जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेहतपुर के संस्कृत अध्यापक यतिन्द्र कुमार के विरूद्ध शिकायत मिली थी कि डीडीओ रहते हुए उसने राष्ट्रीय शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान व अन्य खातों का चार्ज दूसरे डीडीओ को नहीं दिया है और वर्ष 2011 तथा वर्ष 2014 के बीच 37,16,704 रुपये की राशि स्कूल के फंड के लिए मिली थी परंतु उसके द्वारा प्रस्तुत किये गए बिलों में भारी गड़बड़ी है।

लेखा अधिकारियों की जांच कमेटी की गई गठित
उन्होंने बताया कि इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया गया और दोषी डीडीओ के विरूद्ध दंड एवं अपील नियमावली, 2016 के नियम 7 के तहत चार्जशीट किया गया और शिक्षा विभाग मुख्यालय द्वारा लेखा अधिकारियों की तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई और कमेटी द्वारा की गई जांच में पाया गया कि कोटेशन लिए गए बगैर ही स्कूल यूनिफार्म, फर्नीचर व अन्य निर्माण सामग्री खरीदी गई थी और इस पर स्कूल प्रबन्धन कमेटी के भी हस्ताक्षर नहीं लिए गए थे।

उन्होंने बताया कि मामले में अनियमितताओं की गंभीरता को देखते हुए संस्कृत अध्यापक यतिन्द्र कुमार को निलम्बित किया गया और तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा तत्काल ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेहतपुर का डीडीओ चार्ज किसी दूसरे को देने के निर्देश दे दिए गए।
RTI के आधार पर हुई कार्यवाही

शिकायतकर्ता द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के आधार पर कार्यवाही की गई और उसके मोबाइल नम्बर 9312529803 पर कार्यवाही की स्थिति के बारे सूचित किया गया, जिस पर शिकायतकर्ता ने अपनी संतुष्टि जाहिर की कि बड़ी लम्बी लड़ाई के बाद, सीएम विंडो उसके लिए वरदान सिद्ध हुआ है तथा गड़बड़ी करने वाले भी इससे सर्तक हुए हैं।
मुख्यमंत्री को करो ट्विट, हाथों-हाथ होगा समस्या का समाधान

महेन्द्रगढ़ से टिकट नम्बर 3336520 से मोबाइल नम्बर 9812198054 से 14 सितम्बर, 2021 को @PMOIndia, @cmohry पर मुख्यमंत्री को ट्विट किया गया कि जड़वा गांव के मस्टरोल 58 और 127 की मनरेगा मजदूरी की पेमेंट दो महीने से अधिक समय से लम्बित है, आपसे गुजारिश है कि जल्दी से जल्दी मजदूरी के पैसे खाते में डलवाएं, धन्यवाद।
मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार इस पर तत्काल संज्ञान लिया गया और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, सतनाली को निर्देश दिए गए कि मनरेगा की मजदूरी का भुगतान तत्काल किया जाए। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने 24 सितम्बर को @cmohry, @Dchautala, @PMOIndia को अपने रि-ट्विट में कहा कि आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

साढ़े तीन घंटे में हुआ समस्या का समाधान
उन्होंने बताया कि ट्विटर हैंडल पर भेजी गई शिकायत का मात्र साढ़े तीन घंटे में समाधान करना शायद हरियाणा के इतिहास में पहला उदाहरण होगा। क्योंकि कैथल से असमीत कौर के पिता गुरमीत सिंह ने 30 सितंबर, 2021 को पोस्ट करवाया कि बच्चे के अभिभावक द्वारा बोर्ड की फीस 2300 रुपये जमा करने की रसीद दिखाने के बावजूद ओ.एस.डी.ए.वी. स्कूल, कैथल (हरियाणा) ने उनकी बेटी का 10+2 (Non Medical) का बोर्ड पेपर के लिए नाम भेजने से मना किया। उसी दिन ही शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की गई तत्परता का धन्यवाद किया कि उसकी बेटी का कीमती एक साल खराब होने से बच गया।

अधिकारियों का किया शुक्रिया अदा
उन्होंने बताया कि ऐसे कई मामले हैं कि कई छात्राओं को विश्वविद्यालय से डिग्रियां व छात्रवृतियां इस व्यवस्था के माध्यम से मिली हैं। लोगों ने व्यक्तिगत रूप या पत्राचार के माध्यम से सीएम विंडो व ट्विटर हैंडल से जुड़े अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया है।