चंडीगढ़ , – सरसों की बिजाई के लिए डीएपी की बजाए सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का प्रयोग कम लागत पर अधिक उत्पादन देने में कारगर साबित हुआ है। डीएपी की तुलना में एसएसपी न केवल सस्ता बल्कि मंडी में उपज का भाव भी अधिक है। रेवाड़ी जिला के गांव टींट के किसान दीपक पुत्र सतपाल ने एसएसपी के फायदों से प्रभावित होकर पिछले तीन वर्षों से सरसों की बिजाई में डीएपी का इस्तेमाल बंद कर दिया है।

गांव टींट में सरसों की बिजाई से पूर्व अपने खेत में एसएसपी डाल रहे दीपक ने बीते वर्ष का अनुभव सांझा करते हुए बताया कि पिछले साल मंडी में जब सरसों का 5500 से छ: हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव था उस समय उसकी सरसों के दाने में चमक व तेल की मात्रा अधिक थी। लैब टेस्ट में अन्य सरसों में तेल की मात्रा 36-37 फीसदी थी जबकि उसके दाने में यह मात्रा 40 फीसदी मिली। जिसके चलते उसे मंडी में सबसे अधिक 6900 रुपए प्रति क्विंटल का भाव भी मिला था।

किसान दीपक ने बताया रेवाड़ी जिला में इन दिनों एसएसपी का एक बैग 350 रुपए में मिल रहा है। प्रति एकड़ बिजाई में वह दो बैग एसएसपी व 35 किग्रा यूरिया का प्रयोग करता है। जबकि डीएपी के बैग की कीमत 1200 रुपए है। इस साल चार एकड़ में वह सरसों की बिजाई करेगा। चार वर्ष पूर्व उसने डीएपी के साथ एसएसपी मिलाकर इस्तेमाल की थी लेकिन बीते वर्षों से वह केवल एसएसपी का ही प्रयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि अब अन्य किसान भी उससे सलाह लेने के साथ-साथ खेती में एसएसपी का इस्तेमाल करने लगे हैं।

उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने भी एसएसपी के प्रयोग से उत्पादन बढ़ाने वाले किसान दीपक की प्रयोगधर्मिता की प्रशंसा की है। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सरसों की फसल में एसएसपी के फायदों की अनुशंसा की गई है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एसएसपी में 16 प्रतिशत फास्फोरस के साथ 12 प्रतिशत सल्फर होता है जोकि सरसों के दाने की गुणवत्ता व पैदावार दोनों को बढ़ाता है।
