प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को दिवाली से पहले ही मिल जायेगा बोनस। जल्दी ही उनके पेंशन में बढ़ोत्तरी होने वाली है। जानकारी के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों की पेंशन के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपए तय किया है। ऐसे में एम्प्लॉय प्रोविडेंट फंड (EPF) देने वाले लाखों कर्मचारियों की पेंशन में 300 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट EPFO की सैलरी लिमिट को खत्म कर सकता है, इसके बाद संभावना है कि पेंशन में 25 हजार रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो।

300% होगी पेंशन की बढ़ोत्तरी
जानकारी के अनुसार, कर्मचारियों की पेंशन के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने उनकी अधिकतम सैलरी 15 हजार रुपए तय की है। इसका मतलब यह है कि अगर कर्मचारी का वेतन 15 हजार रुपए प्रति माह से अधिक है तो पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपए सैलरी पर ही होगी।

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से एम्प्लॉय प्रोविडेंट फंड (EPF) में योगदान करने वाले लाखों कर्मचारियों की पेंशन में 300 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
17 अगस्त से हो रही सुनवाई

फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। 17 अगस्त से इस पर लगातार सुनवाई हो रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट EPFO की इस सैलरी सीमा को खत्म कर सकता है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में अंतिम फैसला हो जाएगा।
अधिकतम राशि पर कटेगा पीएफ

अगर ऐसा हुआ तो अधिकतम राशि पर PF कटेगा और पेंशन भी 300 प्रतिशत से ज्यादा मिल सकती है। वहीं कर्मचारियों की पेंशन की गणना अंतिम वेतन यानी उच्च वेतन ब्रैकेट पर भी की जा सकती है। इस फैसले के बाद से कर्मचारियों को पहले से कई गुना ज्यादा पेंशन मिलेगी।
2014 में जारी थी अधिसूचना

बता दें कि 1 सितंबर 2014 को इस मामले में कर्मचारी पेंशन योजना को संशोधित करते हुए भारत सरकार ने एक अधिसूचना भी जारी की थी। अधिसूचना में कहा गया था कि PF की राशि काटने के लिए मूल वेतन की सीमा निर्धारित नहीं होनी चाहिए।
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। जिसके बाद पीएफ विभाग ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फिलहाल यह मामला विचाराधीन है और जल्दी ही इस पर फैसला आने की उम्मीद है।
पेंशन का पूरा कैलकुलेशन

उदाहरण के तौर पर, वर्तमान में किसी भी कर्मचारी की सैलरी (बेसिक सैलरी + डीए) 20 हजार रुपये है। पेंशन के फॉर्मूले से गणना करें तो यह 4000 रुपये (20,000×14/70= 4000 रुपये) हो जाएगी और वेतन जितना अधिक होगा, उसे उतना ही पेंशन का लाभ मिलेगा, ऐसे लोगों की पेंशन में 300 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।
अगर कोई कर्मचारी 1 जून 2015 से नौकरी कर रहा है और 14 साल की सेवा पूरी करने के बाद पेंशन लेना चाहता है तो उसकी पेंशन की गणना 15 हजार रुपये पर ही की जाएगी। पेंशन की गणना का सूत्र है- सेवा इतिहास×15,000/70, लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट कर्मचारियों के पक्ष में फैसला करता है, तो उस कर्मचारी की पेंशन बढ़ जाएगी।

इसके अलावा मान लीजिए एक कर्मचारी की नौकरी 33 साल है और बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है। वर्तमान में पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपये वेतन पर ही की जाती है। इस तरह (फॉर्मूला: 33 साल+2= 35/70×15,000) पेंशन सिर्फ 7,500 रुपये होती है। पेंशन की सीमा हटाने के बाद पेंशन को अंतिम वेतन के हिसाब से जोड़ने पर उन्हें 25000 हजार रुपये पेंशन मिलेगी, मतलब (33 साल+2= 35/70×50,000= 25000 रुपये)।