चंडीगढ़ – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रशिक्षण व शिक्षा संस्थान द्वारा तीन दिवसीय किचन गार्डनिंग विषय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में देश के अलग-अलग राज्यों के लगभग 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संस्थान का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रशिक्षणों के माध्यम से बेरोजगार युवक-युवतियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित करना है।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सब्जी फसलों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मशीनीकरण और मूल्यवर्धन की खास भूमिका है । किसानों के खेत में पैदा होने वाली लगभग 30 प्रतिशत सब्जियां उचित भंडारण सुविधाओं के अभाव में खराब हो जाती हैं।
उन्होंने बताया कि किचन गार्डन में मौसमी सब्जियों की कास्त करने, घर के भीतर खाली पड़ी भूमि में क्यारियां बनाकर सब्जी का उत्पादन करने और घर के कूड़े का कम्पोस्ट खाद बना कर प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी । उन्होंने नर्सरी व प्लास्टिक ट्रे में बीजरोपण करके पौधे तैयार करने की विधि प्रो-ट्रे नर्सरी तैयार करने के बारे में बताया। किसानों को भंडारण सुविधाओं को अपनाने और सब्जियों से मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि विभिन्न सब्जियों से अचार, चटनी, मुरब्बा, सॉस, चिप्स आदि बनाये जा सकते हैं। किचन गार्डनिंग के साथ-साथ खुम्ब उत्पादन करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने किचन गार्डनिंग की सब्जियों में कीड़ों के नियंत्रण के बारे में जानकारी देते हुए लाभकारी और हानिकारक कीड़ों के बीच अंतर बताते हुए बताया कि किसान अपनी फसलों में लाभकारी व हानिकारक कीड़ों की पहचान करके उनका उचित प्रबन्ध कर सकते हैं। उन्होंने किचन गार्डनिंग के साथ-साथ खेत में भी सब्जी की फसलों को बीमारियों से बचाने की जानकारी दी।