भारी बारिश होने से पहले भी किसानो को बहुत नुक्सान हुआ और बंगाल की खाड़ी में आये चक्रवती तूफ़ान की वजह से भी आसपास के इलाको में बहुत नुक्सान हुआ था। अब फिर से मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी के बीचोबीच कम दबाब बन रहा है जो कि तमिलनाडु के तटीय इलाकों की ओर आने वाले 2 से 3 दिन में बढ़ सकता है।
29 से 31 अक्टूबर तक तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में भारी बारिश के संकेत हैं। आईएमडी के चेन्नई कार्यालय के महानिदेशक ने स्वयं इसकी जानकारी दी है।
बुधवार को जारी हुई IMD के बुलेटिन के अनुसार, दक्षिण–पूर्व और उससे सटे दक्षिण–पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है।
आशंका है कि अगले 3 दिनों के दौरान यह पश्चिम की ओर रुख कर सकता है। आईएमडी ने तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की भी भविष्यवाणी की है।
31 अक्टूबर तक दक्षिणी राज्यों में होगी बारिश
मौसम विभाग ने बताया कि आज 29 अक्टूबर को तमिलनाडु के रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, थूथुकुडी, मयिलादुथुराई और नागपट्टिनम जिलों और कराईकल, केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।
वहीं 30 अक्टूबर को तटीय और दक्षिण तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। केरल और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर भी भारी बारिश हो सकती है।
IMD के बुधवार के बुलेटिन में बताया गया है कि दक्षिणी राज्यों में तेज हवाओं के साथ–साथ कुछ स्थानों पर 31 अक्टूबर तक भारी बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश भी संभव है।
पश्चिमी हवाएं और शुष्क मौसम से कृषि कार्यों में तेजी
दक्षिणी राज्यों को छोड़कर सामान्य तौर पर पूरे भारत में मौसम शुष्क रहेगा और बारिश की संभावना नहीं है। पश्चिमी हवाएं देश के एक बड़े हिस्से को घेरे हुए है। जिसके कारण ठंड बढ़ने की आशंका है।
मौसम विभाग पहले ही कह चुका है कि आने वाले कुछ दिनों में तापमान में काफी तेजी से गिरावट हो सकती है। मौसम साफ रहने से कृषि कार्य तेजी से हो रहे हैं। अक्टूबर में हुई बेमौसम बारिश से खेतों में पानी भर गया था लेकिन अब शुष्क मौसम के प्रभाव से खेतों का पानी कम हो रहा है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों का कहना है कि आने वाले एक सप्ताह में खेतों का पूरा पानी उतर जाएगा। इसके बाद कटाई का काम तेज गति से हो सकता है।