आने वाले समय में लोगों को न तो रेल के धक्के खाने होंगे और न ही हवाई जहाज में यात्रा करते हुए जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लोगों को लंबे व थकाऊ सफर से जल्द ही आजादी मिलने की संभावना प्रबल हो गई है। आने वाले कुछ सालों में लंबे व थकान भरे सफर को लेकर लोगों की मुश्किलें खत्म होने वाली हैं। यानि की परिवहन सेवाओं में जोरदार तरीके से क्रांति आने की संभावना दिखाई देने लगी है।
आने वाले कुछ सालों के भीतर पूूरी दुनिया पलक झपकते ही सैंकड़ों किलोमीटर का सफर कर लेगी और थकान क्या होती है, यह किसी को पता भी नहीं चलेगा।
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जी हां ऐसी ही परिवहन प्रणाली का सफल अविष्कार कर लिया गया है। फिलहाल वर्जिन में नए हाईपरलूप का एक अविष्कार होने की बात सामने आ रही है। यह परिवहन सेवा एक कैप्सूल की शक्ल में है और वर्जिन से जारी हुए वीडियो को देखकर अहसास हो गया है कि आने वाले कुछ सालों बाद लोग घंटों का सफर मिनटों में तय का पाएंगे।
कैप्सूल की शक्ल में है लूप
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हाईपरलूप में एक ऐसा परिवहन सिस्टम है, जिसे कैप्सूल की शक्ल में बनाया गया है और उसमें एक बार में 28 यात्री आरामदायक सफर कर सकते हैं। इस हाईपरलूप में लेविटेशन इंजन लगाया गया है, जोकि हवा के प्रेशर यानि कि वैक्यूम प्रणाली के आधार पर दौड़ेगा।
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इस कैप्सूल टाइप परिवहन की स्पीड 670 मील प्रति घंटा होगी। यानि कि यह लूप एक घंटे में आसानी से 670 किलोमीटर का सफर तय कर लेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली और हरियाणा के गुरूग्राम से जयपुर तक का 280 किलोमीटर तक का सफर महज 20 मिनट में तय कर लेगा।
यही नहीं बल्कि इसकी तेज रफ्तार को देखकर आसानी से कहा जा सकता है कि यह दिल्ली से मुंबई तक का सफर भी चंद घंटों में तय कर पाएगा।
सुपरफास्ट ट्रेन से भी है तेज
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बताया गया है कि यह हाईपरलूप चीन, कोरिया और जापान की सुपर फास्ट रेलों से भी कई गुना अधिक तेजी से दौड़ता है। इसकी लंबाई 1640 फीट है। हाईपरलूप बनाने वाली कंपनी का दावा है कि इसके चलने पर किसी भी तरह का कार्बन उत्सर्जन नहीं होता और जीरो प्रदूषण के आधार पर इसका संचालन होता है।
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हैरानी की बात तो यह है कि लूप के चलते समय इसमें किसी प्रकार की आवाज नहीं होती है और ना ही इसके चलने पर यात्रियों को धक्के लगेंगे। साईलेंट तौर पर इसका संचालन होगा और यात्रियों को पता भी नहीं चलेगा कि लूप में बैठते ही वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगे।
किया जा चुका है सफल अविष्कार
बताया गया है कि हाईपरलूप का निर्माण साल 2020 में आरंभ किया गया है। वर्जिन में लूप के सह संस्थापक जोश गिगेल और डायरेक्टर सारा लुचियन ने पहली बार इसमें सफर किया था, जोकि उनकी उम्मीदों के अनुसार सफल रहा। इन दोनों ने मात्र 15 सैकेंड में 100 मील प्रति घंटे की स्पीड पकड़ ली थी।
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उनका कहना है कि न्यूयॉर्क से वाशिंगटन के बीच हाईपरलूप में सफर करते हुए महज 30 मिनट लगेंगे। यह सफर हवाई जहाज के सफर के मुकाबले आधे समय में ही पूरा हो जाएगा। हाईपरलूप बनाने वाली कंपनी ने जानकारी दी है कि साल 2027 में लोग इसमें सफल तरीके से सफर शुरू कर पाएंगे।