भारत सरकार ने मंगलवार को इस साल के पद्म पुरस्कार प्रदान किए।इस समारोह में कई बड़ी हस्तियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया।सम्मानित होने वालों की लिस्ट में ‘गूंगा पहलवान’ के नाम से प्रख्यात हरियाणा के रेसलर वीरेंद्र सिंह भी शामिल थे।उन्हें भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।लेकिन वह नाराज हैं और अपने घर जाने के बजाए पद्मश्री और मेडल लेकर दिल्ली में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के घर के बाहर धरना दे रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए कई मेडल जीत चुके अर्जुन अवॉर्डी पहलवान अपना पद्मश्री अवॉर्ड और अपने मेडल लेकर धरने पर बैठे हैं।उनका कहना कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वह वहां से नहीं हटेंगे।

वीरेंद्र सिंह को पैरा पहलवान के तौर पर योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान मिला है। लेकिन उनकी शिकायत है कि राज्य सरकार द्वारा उन्हें समान अधिकार नहीं दिया दिया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार उन्हें सम्मानित कर रही है।
उन्होंने ट्विटर पर अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी आपके आवास दिल्ली हरियाणा भवन के फुटपाथ पर बैठा हूं और यहां से जब तक नहीं हटूंगा जब तक आप हम मूक-बधिर खिलाड़ियों को पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार नहीं देंगे, जब केंद्र हमें समान अधिकार देती है तो आप क्यों नहीं?”
@cmohry @Dchautala @JhajjarDc#justice for Virender Singh ( gunga pehalwan) pic.twitter.com/BZQXCk9OeM
— Sunil (@pahalyouthclub) November 10, 2021
उन्होंने कहाकि केवल मूक बधिर खिलाड़ियों के लिये कोई पैरालंपिक वर्ग नहीं है और मूक बधिर खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय खेल समिति ही उनके लिये टूर्नामेंट आयोजित करती है।डेफलंपिक्स को अंतरराष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति से मान्यता प्राप्त है लेकिन मूक बधिर खिलाड़ी पैरालिंपिक खेलों का हिस्सा नहीं होते।
राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिंह को मंगलवार को पद्मश्री से सम्मानित किया और इस फोटो को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी ट्वीट किया। साथ ही पहलवान वीरेंद्र सिंह को बधाई दी, जिनकी जिंदगी से प्रेरित होकर ‘गूंगा पहलवान’ नाम की डाक्यूमेंट्री भी बनायी जा चुकी है।

इस पर सिंह ने कहा कि वह पैरा खिलाड़ियों के लिये भी समान पुरस्कार राशि चाहते हैं और साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस संबंध में बात की है।
डेफ ओलंपिक्स में 74 किग्रा वर्ग में 3 गोल्ड और 1 कांस्य पदक जीतने वाले वीरेंद्र सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री अगर आप मुझे पैरा एथलीट मानते हैं तो आप पैरा एथलीट वाले सारे अधिकार मुझे क्यों नहीं देते।
कब तक प्रचार में लगे रहोगे जनाब
— tarun verma (@I_AM_AAP) November 11, 2021
जिसके नाम पर ट्वीट कर रहे हो , जिसे राज्य का गौरव बता रहे हो वो गिड़गिड़ा रहा है आपके सामने pic.twitter.com/6x3Unb5tJW
उन्होंने ट्वीट किया कि “पिछले चार वर्षों से मैं दर दर की ठोकर खा रहा हूं।मैं आज भी जूनियर कोच हूं और मुझे कोई नकद पुरस्कार नहीं मिला है।कल मैंने इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी से भी बात की थी, अब फैसला आपके हाथ में है।’