हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में हरियाणा की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि हरियाणा एक छोटा राज्य होते हुए भी गुणवत्ता की शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल व ढांचागत सुविधाओं के हब के रूप में उभरा है।
उन्होंने एक दिवसीय राज्यपालों के सम्मेलन में राज्य की रिपोर्ट प्रस्तुत कर बताया कि प्रदेश सरकार स्किल इंडिया, डिजीटल इंडिया, फिट इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे कार्यकर्मों को बढ़ावा दे रही है।

कौशल विकास मिशन के तहत हरियाणा में 80 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिससे आत्मनिर्भर भारत के कार्यक्रम को और मजबूती मिली है।

इसके साथ-साथ हरियाणा में ‘‘सुपर-100’’ कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत जे.ई.ई और एन.ई.ई.टी की परीक्षा की कोचिंग दी जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत कोचिंग लेने वाले 54 छात्र जे.ई.ई और एन.ई.ई.टी की परीक्षा में पास हुए हैं। जिनमें से 26 छात्रों का तो आई.आई.टी. में दाखिला हुआ है।

दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है जिसमें 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया है। नई शिक्षा नीति के तहत ही विश्वविद्यालयों में के.जी से पी.जी तक की पढ़ाई की व्यवस्था भी शुरू की जा रही है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, भावान्तर भरपाई योजना जैसी कई किसान हितैषी योजनाएं शुरू की गई हैं। प्रदेश में 500 किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ) भी गठित किए गए हैं जिनसे 77000 से भी अधिक किसानों को जोड़ा गया है।

दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार और जनता के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए ‘सी.एम. वेबपोर्टल’ सी.एम. विंडो जैसी ई-सेवाएं शुरू की गई हैं। सरकार द्वारा वर्ष 2021 को ‘‘सुशासन परिणाम वर्ष’’ के रूप में मनाया जा रहा है। ई-गवर्नेंस के तहत अंत्योदय सरल पोर्टल पर 42 विभागों की 547 योजनाएं व सेवाएं ऑनलाइन शुरू की गई है। जिनके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं तथा भ्रष्टाचार पर भी रोक लगी है।

लाल डोरा मुक्त योजना लागू होने से गांव की सम्पत्ति को विशेष पहचान मिलने के साथ-साथ भूमि मालिकों को मालिकाना हक मिला है। इस योजना को बाद में ‘‘प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना’’ के नाम से पूरे देश में शुरू किया गया है। इसके साथ-साथ हरियाणा में 2500 रुपये प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि ई-सेवाओं के माध्यम से पूरे प्रदेश में सुशासन स्थापित किया गया है। हरियाणा देश में ‘परिवार पहचान पत्र’ बनाने, ‘आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना’ का लाभ देने, अन्तर्राज्यीय परिषद् की तर्ज पर अंतर जिला परिषद का गठन करने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन का वितरण करने वाला भी पहला राज्य है।

राज्यपाल ने प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था के सम्बन्ध में बोलते हुए कहा कि राज्य में डायल-112 सेवा शुरू की गई है जो चौबीसों घंटे काम कर रही है। पहले 500 घंटों में 25826 लोगों की कॉल अटेंड की गई और विभागीय टीम ने तुरन्त रिस्पांस भी किया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें बेहतर खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ‘‘खेलो इंडिया की तर्ज पर ‘‘खेलो हरियाणा’’ शुरू किया गया है। हरियाणा ने खेलों में देश का नाम रोशन किया है। टोक्यो ओलम्पिक और पैरालम्पिक में सबसे अधिक पदक हरियाणा के खिलाडिय़ों ने जीते हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा ने महामारी का भी डटकर मुकाबला किया है और लोगों को स्वास्थ्य, भोजन सम्बन्धित सामग्री, मास्क, सैनेटाईजर जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं। यहां तक कि हरियाणा में दो करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों को महामारी की वैक्सीन भी दी गई है।
हरियाणा रैड क्रॉस सोसायटी ने भी महामारी में जरूरतमंद लोगों को पिछले तीन महीनों में हजारों हाईजैनिक किट्स, कम्बल, टैबलेट (पैरासिटामॉल) जरूरतमंद गरीब लोगों को वितरित किए हैं।

उन्होंने बताया कि राजभवन कार्यालय के साथ-साथ पूरे हरियाणा में ई-ऑफिस, ई-ग्रंथालय, ई-लर्निंग, ई-गवर्नेंस रेडरेसल, एच.आर.एम.एस. सिस्टम, ई-ग्राम और सी.एफ.एम.एस. सुविधाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने सम्मेलन में सभी का धन्यवाद किया और कहा कि राज्यपालों के इस सम्मेलन से राज्यों के विकास के लिए जो मार्ग-दर्शन मिला है वह भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा।