उत्तर भारत में खासकर दिल्ली व एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को सख्त आदेश दिए है।जिसके बाद प्रदेश की सरकार पराली जलाने को लेकर काफी सख्ताई दिखा रही। एक सप्ताह में पराली जलाने को लेकर किसानों दर्ज मामले व जुर्माने अचानक बढ़ गए हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद किसान पराली जला रहे हैं।प्रदेश में लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे है।
एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पराली न जलाने को लेकर अधिकारियों को आदेश दिए हैं, वहीं गोहाना में किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। किसान प्रदेश सरकार के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। गोहाना में धान की पराली जलाने के 60 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से कृषि विभाग दवारा 22 किसानों पर ढाई हजार रुपए के हिसाब से जुर्माना लगाया गया है।

वहीं कई दिनों से गोहाना में दिन भर प्रदूषण के कारण मौसम साफ नहीं हो पा रहा है।गोहाना में 367 एक्यूआई से ऊपर दर्ज की गई है।लोगों को सांस लेने के साथ-साथ अन्य कई बीमारियों में में भी काफी तकलीफ महसूस हो रही है।कृषि विभाग की गाइडलाइंस के मुताबिक 2 एकड़ की फसल अवशेष जलाने पर ढाई हजार और 2 से 5 एकड़ पर पांच हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान होगा।

सबसे ज्यादा जुर्माना 15 हजार रखा गया है. खुद कृषि उपमंडल अधिकारी खेतों में जा जा कर पराली वाले जगहों पर पहुंच रहे और कई जगह तो अधिकारी पराली में लगी लाग को बुझावा रहे है।

गोहाना कृषि विभाग के अधिकारी राजेंद्र मेहरा ने बताया किसान पराली न जलाये इसके लिए जागरूक अभियान भी शुरू किया जा रहा है।गोहाना में कृषि विभाग दवारा जागरूकता रैली भी निकाल कर किसानों को पराली न जलाने का संदेश दिया है ।

पराली न जलाने के फायदे बताये है। इसके साथ-साथ कृषि विभाग व पंचायती विभाग की टीमों को भी हर गांव लेवल पर कई टीमों को भी लगाया गया है। वे किसानो को जागरुक करने के साथ-साथ पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रहेगा।
