शुक्रवार सुबह गुरु नानक देव जी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा की। इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन कानूनों को वापस लेने को लेकर विपक्षी दल संदेह जता रहे हैं, खुद किसान नेता राकेश टिकैत भी संसद से बिल वापस न लेने तक आंदोलन जारी रखने की बात कह रहे हैं। मामले में अब हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि अगर पीएम की बात पर अविश्वास है तो ये दुख की बात है।

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने एएनआई से बातचीत में कहा, “अब किसानों को चिंता नहीं करनी चाहिए। अगर पीएम ने घोषणा की है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा, तो वास्तव में ऐसा होगा। यहां तक कि विपक्ष के नेता हुड्डा जी ने भी लोगों से आस्था रखने को कहा है।इसमें भरोसा न करने जैसी कोई बात नहीं है। अगर फिर भी अविश्वास है तो दुख की बात है।”
बता दें कि पीएम मोदी की घोषणा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत और कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संदेह जताया था। राकेश टिकैत ने कहा था कि अगर पीएम मोदी ने जो कहा है वो सरकार सच में करने जा रही है तो वे इस फैसले का स्वागत करते हैं। इसके अलावा भी सरकार के साथ हमारे कई मसले हैं, जब तक इन कानूनों को संसद से वापस नहीं ले लिया जाता। तब तक हम डटे रहेंगे।

वहीं, समाजवादी पार्टी ने अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस फैसले पर किसानों को बधाई भी दी लेकिन ये भी कहा कि मोदी सरकार भरोसा नहीं है ये चुनाव के बाद फिर कानून लाएंगे। इसलिए जनता को इनसे सतर्क रहना चाहिए।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचे पलवल किसानों के धरना स्थल पर। जहां उन्होंने कहा कि जितने भी किसान भाई इस आंदोलन में अपनी जान दी उनके सगे संबंधियों को एक-एक नौकरी और मुआवजा दिया जाए। उन्होंने साथ ही साथ यह भी कहा कि मैं राजनीति नहीं करूंगा।

उन्होंने साथ ही साथ यह भी कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानून को रद्द करने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी देर से आए परंतु दुरुस्त आए। उन्होंने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को बधाई दी और कहा कि यह किसानों की जीत है और लोकतंत्र के सामने किसी की भी नहीं चलती।
