हरियाणा के अंबाला रेंज की आईजी भारती अरोड़ा ने एक बार फिर पत्र लिखकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। पहली बार गत 24 जुलाई को उन्होंने डीजीपी को पत्र भेज कर प्रभु श्रीकृष्ण की साधना करने की इच्छा जाहिर करते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। मगर उनका का पहला आवेदन सूबे के गृहमंत्री अनिल विज ने यह कहकर लौटा दिया था कि वे बेहतरीन अफसर हैं और उनकी सेवाओं की प्रदेश को जरूरत है।
इतना ही नहीं गृहमंत्री, सीएम और आला-अफसरों ने भारती को फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था, लेकिन भारती अरोड़ा ने एक बार फिर से वीआरएस लेने की इच्छा जाहिर करते हुए आवेदन दोबारा भेज दिया है।
भारती अरोड़ा ने अपने विभाग और एसीएस गृह की ओर से एक बार फिर से वीआरएस लेने की दृढ़ इच्छा जाहिर की है। खास बात यह है कि प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने भी इस बार मना करने के स्थान पर आवेदन प्रदेश के सीएम मनोहरलाल को भेज दिया है।
गृहमंत्री अनिल विज ने दूसरी बार लगातार अंबाला रेंज की आईजी की ओर से वीआरएस का आवेदन मिलने का खुलासा किया है। विज ने दोहराया कि दूसरी बार उन्होंने आवेदन भेजा है, भारती अच्छी अफसर हैं, लेकिन हम उन्हें जबरन रोक नहीं सकते। इसलिए हमारी ओऱ से उनके आवेदन को ओके करते हुए सीएम मनोहर लाल के पास भेज दिया गया है।
जहां से मुहर लगते ही उनकी वीआरएस पक्की हो जाएगी। विज ने कहा कि उनकी कृष्ण भक्ति मार्ग पर जाने का उनका निजी मामला है, जिसमें हम दखल नहीं दे सकते।
भारती अरोड़ा की रिटायरमेंट 2031 में होनी है। लेकिन 10 साल पहले ही वीआरएस लेने का फैसला कर चुकी हैं। गत 24 जुलाई को इसके लिए डीजीपी को पत्र भेजा था। उनका कहना है कि पुलिस सेवा उनके लिए गर्व और जूनून रही है। आगे की जिंदगी वह धार्मिक तरीके से बिताना चाहती हैं।
वह चैतन्य महाप्रभु, कबीरदास और मीराबाई की तरह प्रभु श्रीकृष्ण की साधना करना चाहती हैं। भारती ने अपने वीआरएस वाले पत्र में भी भक्ति मार्ग का उल्लेख किया था। उनकी शादी हरियाणा कैडर के आईपीएस विकास अरोड़ा से हुई है। वे फिलहाल फरीदाबाद में बतौर कमिश्नर पोस्टिड हैं। आईपीएस दंपति ने हाल ही में मथुरा के बरसाना में अपना घर बनाया है।
साल 2012-13 में आईजी भारती अरोड़ा रेवाड़ी जिले में तैनात थी। वहां उस समय गौ तस्करी बहुत बड़े पैमाने पर होती थी। उस दौरान इन्होंने तस्करी पर कड़ा शिकंजा कसते हुए कई अपराधियों को पकड़ा था।इतना ही नहीं, उन्होंने रेवाड़ी में पंचायत से फंड दिलवाकर श्री मोहन गोपाल गौशाला का निर्माण भी करवाया, जहां आज भी बड़ी संख्या में गाय रखी जाती हैं।
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। फरवरी, 2021 में वे रिटायर होने वाले थे। सेवानिवृत्ति से पांच महीने पूर्व ही सितंबर में उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
2009 में बक्सर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का मंसूबा लिए गुप्तेश्वर पांडेय ने पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृित्त ली थी, लेकिन कुछ माह बाद ही पुलिस सेवा में वापस आ गए। इसके बाद पुलिस सेवा छोड़ गुप्तेश्वर ने राजनीति में आने के लिए जदयू का दामन थामा।
चुनाव न लड़ पाने के कारण नया स्वरूप धारण कर वृंदावन पहुंचे और यहां धर्म नगरी में वे भगवत संदेश देने लगे। बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं। संयुक्त बिहार में कई जिलों के एसपी और रेंज डीआईजी के अलावा वे मुजफ्फरपुर के जोनल आईजी भी रहे हैं।
एडीजी मुख्यालय और डीजी बीएमपी का भी उन्होंने पद संभाला था। केएस द्विवेदी के सेवानिवृत होने के बाद फरवरी, 2019 में बिहार के डीजीपी नियुक्त किए गए थे।