हरियाणा सरकार ने प्रतिवर्ष कुरुक्षेत्र में आयोजित किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का विस्तार करते हुए इस बार आयोजन में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को भी शामिल किया है। सभी विश्वविद्यालयों में आयोजन के बेहतर क्रियान्वयन व समन्वय स्थापित करने के लिए गुरुग्राम विवि के कुलपति डॉ. मार्कण्डेय आहूजा को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दी गयी है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 9 से 14 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है।
इस बार अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर से 14 दिसंबर तक रहेंगे। गीता जयंती के दिन इस उपदेश को 5 हजार 158 वर्ष पूरे हो जाएंगे।

इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से हरियाणा सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती का आयोजन कर रही है। प्रदेश सरकार ने इस बार आयोजन का विस्तार करते हुए इसमें प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को भी शामिल किया है।
उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर होगा जब सभी विश्वविद्यालयों में गीता महोत्सव का कार्यक्रम उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा।

आपको बता दें कि 2 दिसंबर 2021 को शिल्प एवं सरस मेला शुरू होगा, जिसमें करीब 350 प्रसिद्ध कलाकार एवं शिल्पकार अपनी कला दिखायेंगे। यह 19 दिसबंर तक चलेगा। मुख्य कार्यक्रम का शुभारंभ 9 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर पर गीता यज्ञ एवं पूजन से होगा। ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर भव्य गीता महाआरती का आयोजन किया जाएगा।

12 दिसंबर को संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें साधु-संत गीता और अध्यात्म विषय पर चर्चा करेंगे। वहीं 13 दिसंबर को हरियाणा के अनेक कॉलेजों में गीता संसद का आयोजन किया जाएगा। 14 दिसंबर को 48 कोस कुरुक्षेत्र के 75 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

14 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर पर 1100 विद्यार्थी वैश्विक गीता पाठ करेंगे। जबकि देश और विदेश से 55 हजार विद्यार्थी आनलाईन गीता पाठ में हिस्सा लेंगे। इसके साथ-साथ 75 प्रसिद्ध मूर्तिकार महाभारत एवं गीता विषय पर आधारित मूर्तियों का निर्माण करेंगे।

बता दें कि गीता जन्म स्थली ज्योतिसर में 1363 लाख की लागत से भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप की 40 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र के तीर्थों का विकास करने के लिए सरकार की तरफ से 9734.70 लाख रुपये की राशि भी जारी की गई है।